(www.arya-tv.com) अनुराग कश्यप बॉलीवुड के सबसे संवेदनशील फिल्ममेकर्स में से एक माने जाते हैं। उनकी पहचान लीक से हटकर फिल्में बनाने के लिए है। अनुराग कश्यप ने अपने करियर में अब तक कई पाथ-ब्रेकिंग फिल्में बनाईं,
जो हिट भी रहीं। इनमें ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘देव डी’, ‘गुलाल’ और कुछ समय पहले रिलीज हुई ‘कैनेडी’ शामिल है। इस फिल्म को तो कान फिल्म फेस्टिवल में स्टैंडिंग ओवेशन भी मिला था।
Anurag Kashyap ने हाल ही फिल्ममेकर सुधीर मिश्रा के साथ दिल्ली में चल रहे ‘जश्न-ए-रेख्ता’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां सिनेमा की भाषा और बिजनेस को लेकर बात की।
‘जिस तरह की फिल्में देखनी हैं, उसके लिए थिएटर जाना होगा’
फिल्म बिजनेस के बारे में अनुराग कश्यप ने कहा, ‘यहां सिर्फ फिल्मों की कमाई के बारे में बात होती है। जबकि जब मैं विदेशी फिल्म फेस्टिवल्स में जाता हूं तो वहां पर सिनेमा आर्ट फॉर्म के बारे में बात होती है।
समाज में भी संतुलन आना जरूरी है। हमारे दर्शक भी अलग-अलग हो चुके हैं और फिल्मकार भी। होता यह है कि जब एक तबके का फिल्ममेकर फिल्म बनाता है तो दूसरे तबके के दर्शक उसे गाली देते हैं। जबकि जब दूसरे तबके का फिल्ममेकर फिल्म बनाता है तो पहले तबके के दर्शक गाली देते हैं।
मगर सिनेमा आर्ट फॉर्म महंगा मीडियम है और जो दर्शक देखेंगे, वही फिल्ममेकर बनाएंगे। तो आप जिस तरह की फिल्में चाहते हैं, आपको उसके लिए सिनेमाघर जाना होगा। वरना बस सोशल मीडिया पर बोलते रह जाएंगे।’
‘सिनेमा से खो रही है हिंदी और उर्दू भाषा’
अनुराग ने कहा, ‘सिनेमा से हिंदी और उर्दू भाषा खोती जा रही है क्योंकि लोग अंग्रेजी में सोचते हैं और अंग्रेजी में ही लिखते हैं। यहां तक की स्क्रिप्ट भी रोमन अंग्रेजी में लिखी जाती हैं, जबकि क्षेत्रीय सिनेमा अभी भी अपनी भाषा में लिख रहा है।’
सुधीर मिश्रा ने फिल्म ‘खोया खोया चांद’ की बात करते हुए कहा कि आज लोग उर्दू के डायलॉग नहीं समझेंगे क्योंकि पूरी फिल्म उस माहौल पर नहीं है। अगर कोई कुछ डायलॉग डालता है तो वह बहुत आउट ऑफ प्लेस लगेगा।
‘सैम बहादुर’ को लेकर यह बोले अनुराग कश्यप
अनुराग कश्यप ने विक्की कौशल की फिल्म ‘सैम बहादुर’ की चर्चा करते हुए कहा कि फिल्म में सैम मानेकशॉ की भाषा को ट्रांसलेट करके इस्तेमाल किया गया है, जबकि असल में वह ब्रिटिश इंग्लिश बोलते थे।
इसलिए कई लोगों ने उसे अप्रमाणिक बोलकर खारिज कर दिया। जिन लोगों को इस बारे में नहीं पता, उन्होंने इसे स्वीकारा है।