एंटी करप्शन की टीम ने CSA लिपिक को किया गिरफ्तार, पेंशन बनाने के लिए मांगे थे 12 हजार रुपये

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(www.arya-tv.com) टेबल के नीचे और टेबल के ऊपर से कमाई करने वालों की संख्या अभी भी बरकरार है भले ही इस सुविधा को सिस्टम में सेवा शुल्क का नाम दे दिया गया हो लेकिन आज भी घूस लेने वाले घूस लेने में पीछे नहीं है ऐसे में कानपुर में एक सरकारी लिपिक को एंटी करप्शन की टीम ने धर दबोचा है. वहीं लिपिक को गिरफ्तार कर एंटी करप्शन की टीम ने फजलगंज थाने ले गई. जहां टीम में आरोपी बाबू के खिलाफ कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज कर लिया गया.

दरअसल यह पूरा मामला कानपुर विश्वविद्यालय का है. जहां कानपुर में एंटी करप्शन की टीम ने कानपुर विश्वविद्यालय में कार्यरत एक लिपिक को 6 हजार की घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया. कानपुर विश्वविद्यालय में सीएसए में पेंशन बनाने वाले बाबू शंकर बक्स सिंह ने पीड़ित अमित से 12 हजार घूस की मांग कर दी थी. जिसके बाद से पीड़ित ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन में कर दी थी.

लिपिक ने मांगे थे 12 हजार 
शिकायतकर्ता अमित पटेल के पिता बीमारी के चलते कुछ दिन पहले चल बसे थे. जिसके बाद अमित पर इलाज के दौरान कर्ज भी हो गया था. पारिवारिक लाभ के चलते अमित ने पिता की पेंशन मां के नाम बंधवाने के लिए काफी दिनो से दौड़ रहे थे. लेकिन सीएसए में पेंशन बनाने वाले बाबू शंकर बक्स सिंह ने पीड़ित अमित से 12 हजार की घूस की मांग कर दी जिसके बाद पीड़ित ने अपने हालातों का हवाला दिया लेकिन आंखों पर लालच और पैसों की चमक की चादर बंधी हुई थी जिसके चलते घूसखोर लिपिक ने दो बार में पैसे देने की मांग की थी.

एंटी करप्शन की टीम ने किया गिरफ्तार
कानपुर कृषि विश्वविद्यालय में सीएसए में कार्यरत लिपिक ने जब अमित से दो किस्तों में पैसे देने की बात की तो अमित ने घूसखोर लिपिक को सबक सिखाने की योजना बनाई. बतौर पेशे से अधिवक्ता होने के चलते अमित ने एंटी करप्शन से संपर्क साधा. उन्होंने अधिकारियों को घूसखोर लिपिक के द्वारा पेंशन के काम के लिए पैसे मांगने की सारी बात बताई. जिसके बाद शिकायत दर्ज कर लिया गया. टीम ने रेकी कर रंगे हाथ सरकारी लिपिक को गिरफ्तार कर लिया. वही उसके खिलाफ फजलगंज थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.