महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में अंदर ही अंदर अनबन चल रही है, जो अब साफ तौर पर सामने भी आने लगी है. हाल का मामला एकनाथ शिंदे बनाम अजित पवार का है. दरअसल, वित्त मंत्री और एनसीपी चीफ अजित पवार ने लाडली बहना योजना के लिए फंड तैयार करने के चक्कर में अन्य विभागों के बजट में कटौती कर दी. इससे एकनाथ शिंदे के नेता संजय शिरसाट ने नाराजगी जताई और डिप्टी सीएम को ‘शकुनि’ करार दे दिया. इसपर अब विपक्ष के उद्धव ठाकरे गुट ने टिप्पणी की है.
शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना संपादकीय में संजय राउत ने लिखा है, “महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दलों के बीच एक तरह का ‘प्रॉक्सी वॉर’ चल रहा है. सभी एक-दूसरे को आजमा रहे हैं. सवाल यही है कि आज अजित पवार को ‘शकुनि’ कहने वाले कल देवेंद्र फडणवीस को ‘दुर्योधन’ कहने में संकोच नहीं करेंगे.”
‘देखना है कौन किसको निगलेगा’
संजय राउत ने सामना में लिखा, “आंबेडकर कहते हैं, ‘वो निगलने’ का क्षण करीब आ रहा है. कौन किसको निगलेगा, बस यही देखना है!” इतने ही नहीं, उद्धव ठाकरे गुट ने सवाल खड़ा किया है महाराष्ट्र सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा तो है, लेकिन क्या सरकार स्थिर है? इस पर संदेह है.”
‘अजित पवार की इच्छा कभी पूरी नहीं होगी’
उन्होंने आगे लिखा, “दैनिक घटनाक्रमों से यह देखा जा रहा है कि सरकार का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है. देवेंद्र फडणवीस वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं. अजित पवार भी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और उन्होंने खुलकर ऐसा कहा भी है. अजित पवार 6 बार डिप्टी सीएम बन चुके हैं, जो एक रिकॉर्ड है. हालांकि, इतने मजबूत दावेदार अब तक मुख्यमंत्री नहीं बन पाए और अगर वे बीजेपी के साथ रहे तो मुख्यमंत्री बनने की उनकी इच्छा कभी पूरी नहीं होगी.”
‘अमित शाह सौतेले भतीजे को मुख्यमंत्री क्यों बनाएंगे?’
संजय राउत ने तंज कसा है कि अमित शाह अपने सौतेले भतीजे को सीएम क्यों बनाना चाहेंगे? यह एक सीधा सवाल है. ‘मैं भी कई सालों से मुख्यमंत्री बनना चाहता था, लेकिन वह संयोग कहीं भी नहीं आया,’ अजित पवार ने शनिवार को फिर से यह बात स्वीकार की. हालांकि, फडणवीस को उनसे कोई खतरा नहीं है.