गुरपतवंत पन्नू केस में अमेरिका ने दिखाए तेवर, कहा- हत्या की साजिश में शामिल लोगों की जवाबदेही तय करे भारत

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(www.arya-tv.com) अमेरिका ने कहा है कि भारत को गुरपतवंत पन्नू केस में जिम्मेदार लोगों को सामने लाया जाना जरूरी है। राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास और कार्यालय व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि उसने नई दिल्ली से अमेरिकी सिख पन्नू की हत्या की साजिश के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराए जाने की अपील की है।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने व्हाइट हाउस के एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत एक रणनीतिक साझेदार है। हम इस रणनीतिक साझेदारी को और गहरा कर रहे हैं। वह प्रशांत में क्वाड का सदस्य है। हम कई मामलों पर उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं और हम चाहते हैं कि यह इसी प्रकार जारी रहे।

किर्बी ने पन्नू की हत्या के षड्यंत्र का असर भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर होने के सवाल का उत्तर देते हुए कहा, भारत के साथ साझेदारी बढ़ाने के साथ ही हम इन आरोपों की गंभीरता को भी निश्चित रूप से समझते हैं। हम चाहते हैं कि इसकी गहन जांच हो और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को उचित तरीके से जवाबदेह ठहराया जाए।

इस मामले की सक्रियता से जांच की जा रही है। हमने कहा है कि हमें इस बात की खुशी है कि भारतीय समकक्ष इसे गंभीरता से ले रहे हैं और गहन जांच कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को पूरी तरह जवाबदेह ठहराया जाए, लेकिन मैं जांच पूरी होने से पहले और कुछ नहीं कहूंगा।

अमेरिका लगातार उठा रहा है ये मुद्दा

अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि निखिल गुप्ता नाम के व्यक्ति ने एक भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ मिलकर गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रची थी जो सफल नहीं हो पाई। पन्नू के पास अमेरिका तथा कनाडा की नागरिकता है।

भारत ने अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकी की हत्या की साजिश रचने के आरोपी व्यक्ति के साथ एक भारतीय अधिकारी को अमेरिका द्वारा जोड़े जाने को चिंता का विषय बताया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि आरोपों की जांच के लिए गठित समिति के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर कहा है कि अमेरिका की ओर से सूचनाएं साझा की गई हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। रिपोर्ट के बाद भारत सरकार इस समिति की सिफारिशों के आधार पर फैसला करेगी। हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मामले को सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा बताते हुए ज्यादा विस्तार से बात करने से इनकार कर दिया।