मुझे सेक्युलरिज्म का पाठ न पढ़ाएं हरीश रावत;अमरिंदर का पलटवार

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(www.arya-tv.com)कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कांग्रेसियों पर पलटवार किया। उन्होंने हरीश रावत से लेकर नवजोत सिद्धू और परगट सिंह को भी नहीं बख्शा। उन्होंने रावत को कहा कि वो मुझे सेक्युलरिज्म का पाठ न पढ़ाएं। वहीं, परगट सिंह के अकाली दल से और सिद्धू के BJP से आने पर रावत को घेरा। सिद्धू का उन्हें कृषि कानून निर्माता बताए जाने पर अमरिंदर ने फ्रॉड और धोखेबाज कह दिया।

रावत ने कहा था कि अमरिंदर BJP के साथ जा रहे हैं तो वो सेक्युलर नहीं रहे। इसके जवाब में अमरिंदर ने कहा कि सेक्युलरिज्म के बारे में बात करना बंद करो। मत भूलो कि सिद्धू 14 साल BJP में रहे और उसके बाद कांग्रेस ने उन्हें शामिल किया। वहीं, नाना पटोले और रेवनाथ रेड्‌डी भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से नहीं तो कहां से आए? मौजूदा पंजाब सरकार में मंत्री परगट सिंह भी 4 साल अकाली दल में रहे।

अमरिंदर ने पूछा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस शिवसेना के साथ क्या कर रही है? क्या आप कहना चाहते हैं कि यह ठीक है कि जब तक कांग्रेस के लिए ठीक हो वो कथित सांप्रदायिक ताकतों के साथ मिले रहें। यह सीधे तौर पर राजनीतिक अवसरवादिता नहीं तो और क्या है?

 तो केस न लड़ता
अमरिंदर ने कहा कि रावत कह रहे हैं कि मैंने साढ़े 4 साल अकालियों की मदद की। अगर ऐसा होता तो मैं उनके खिलाफ 10 साल तक कोर्ट केस क्यों लड़ता। वहीं, 2017 के बाद कांग्रेस पंजाब में हर चुनाव क्यों जीतती रही।

कांग्रेस को  होगा नुकसान
अमरिंदर ने कहा कि रावत को डर है कि मेरी वजह से पंजाब में कांग्रेस के हितों का नुकसान होगा। सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने मुझ पर भरोसा न कर सिद्धू जैसे अनस्टेबल व्यक्ति के हाथ में पंजाब कांग्रेस को सौंपकर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है। सिद्धू सिर्फ अपने प्रति ईमानदार हैं।

सिद्धू 15 साल पुराने वीडियो से धोखा कर रहे
अमरिंदर ने सिद्धू की तरफ से उन्हें विवादित कृषि कानूनों का जन्मदाता करार देने पर कड़े प्रहार किए। अमरिंदर ने कहा कि वह क्या फ्रॉड और धोखा कर रहे हैं? मेरे 15 साल पुराने खेती विविधीकरण की पहल को कृषि कानूनों से जोड़ रहे हैं। जबकि मैं उनके खिलाफ अब भी लड़ रहा हूं और अपना राजनीतिक भविष्य भी उसी से जोड़ रखा है।

सिद्धू को  कानूनों में अंतर नहीं पता
उन्होंने कहा कि यह होना ही था क्योंकि सिद्धू को पंजाब और वहां के किसानों के हित के बारे में कुछ भी नहीं पता। सिद्धू को फसली विविधीकरण और कृषि कानूनों के बारे में कुछ नहीं पता और वह पंजाब की अगुवाई के सपने देख रहे हैं। अगर यह वाकई में हुआ तो कितना भयावह होगा।