शिक्षा क्षेत्र में “एक राष्ट्र, एक डेटा” की अवधारणा पर भी जोर दिया : ( NETF) के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी. सहस्रबुद्धे

Lucknow National

(www.arya-tv.com)अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम 2024 में  राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में नाराजगी को कम करने के उद्देश्य से एनएएसी द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। राधाकृष्ण समिति ने NAAC की ग्रेडिंग को लेवल (L1-L5) से बदलने के लिए एक नई मान्यता प्रणाली का प्रस्ताव रखा, जहां शीर्ष संस्थानों को L5 और उसके बाद L4 से सम्मानित किया जाएगा। प्रोफेसर सहस्रबुद्धे ने आधुनिक भारत में चल रहे डिजिटल परिवर्तन पर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि 6.5 लाख गांवों में से 3.5 लाख को अब फाइबर ऑप्टिक कनेक्टिविटी प्राप्त हुई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत ऑनलाइन डिजिटल और खुली शिक्षा के अवसर पैदा हो रहे हैं।

उन्होंने एआईसीटीई द्वारा “अनुवादिनी” की शुरूआत पर चर्चा की, जो एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित उपकरण है जो अध्ययन सामग्री और पुस्तकों के राष्ट्रीय, स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद की सुविधा प्रदान करता है। गौरतलब है कि 35 करोड़ छात्रों में से 25.9 करोड़ छात्रों ने APAAR आईडी के साथ पंजीकरण कराया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। प्रोफेसर सहस्रबुद्धे ने दक्षता और एकरूपता बढ़ाने के लिए संस्थानों के लिए एकीकृत डेटा सबमिशन पोर्टल का प्रस्ताव करते हुए “एक राष्ट्र, एक डेटा” की अवधारणा पर भी जोर दिया। शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के विदेश जाने की प्रवृत्ति में बदलाव पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने विदेशी छात्रों को आकर्षित करने और देश की खोई हुई विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए वन-स्टॉप समाधान लागू करने का सुझाव दिया। अंत में, उन्होंने स्थानीय स्तर पर छात्रों की शिकायतों के त्वरित समाधान पर जोर दिया।