BHU के हिंदी भवन में अनिश्चित कालीन धरना:PhD रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप

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(www.arya-tv.com) काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। हिंदी विभाग के हिंदी भवन में PhD एडमिशन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए छात्र मुख्य द्वार घेर बैठे हैं। उनका कहना है कि पूरी रात बैठेंगे। यह आंदोलन तक तक चलेगा जब तक कि सत्र 2022 में ली गई PhD प्रवेश परीक्षा रद्द न की दी जाए। विभाग के प्रोफेसर, हेड, डीन और चीफ प्रॉक्टर ने काफी समझाने का प्रयास किया, मगर छात्र अपनी मांग पर अड़े हैं। देर शाम तक वे हिंदी भवन में ही धरने पर बैठे हैं। 2019 में JRF क्वालिफाईड छात्र उमेश यादव को भी PhD एडमिशन नहीं मिला है। उन्होंने तो आज विश्वविद्यालय प्रशासन के लोगों को सुसाइड तक की धमकी दे डाली है।

छात्रों ने कहा, ”चयन समिति ने कुछ छात्रों को योग्यता से ज्यादा नंबर दिए। इसमें प्रो. विनय कुमार सिंह की भूमिका बेहद संदिग्ध है।” छात्रों ने बताया कि चयन समिति ने SC/ST और OBC के प्रतिनिधियों को रखा ही नहीं गया। बाद में विरोध हुआ तो एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया। यह पूरी प्रवेश प्रक्रिया ही बेहद विवादित हो चुकी है।

गड़बड़ी का आरोप लगाना अनुचित

हिंदी विभाग के प्रोफेसर विनय सिंह ने कहा, चयन समिति में 8 प्रोफेसरों की टीम थी। सभी ने मेरिट और स्कोर के साथ ही बेहतर प्रजेंटेशन देने वाले छात्रों का सेलेक्शन किया है। वहां पर किसी तरह की गड़बड़ी का आरोप लगाना अनुचित है।

छात्र बोले- BHU के छात्रों नहीं मिलता DU, JNU में एडमिशन

छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि बाहरी कैंडिडेट को इस एग्जाम में पास कराया गया है। वहीं, हम लोग यहां पर UG और PG के छात्र रहे, पांच साल कैंपस को दिया है, हमें कोई पूछ ही नहीं रहा। हम जब JNU और DU में PhD के लिए अप्लाई करते हैं तो वहां से कहा जाता है कि इतना बड़ा BHU है आप वहीं पर रहो। हमारी सीटें न खाओ। ऐसे में हम छात्र कहां जाए। यह मानसिक प्रताड़ना अब झेली नहीं जा रही है।

छात्रों की मांग –

  • भेदभाव पूर्ण प्रवेश परीक्षा को निरस्त किया जाए। शुचितापूर्ण ढंग से RET द्वारा फिर से प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो।
  • प्रो. विनय कुमार सिंह को चयन समिति से बाहर किया जाए। भेदभावपूर्ण रवैये के लिए दंडित भी किया जाए।
  • इंटरव्यू की प्रक्रिया में नियमानुसार ही प्रतिनिधि को रखा जाए।
  • कोविडकाल में दो साल एडमिशन प्रक्रिया न होने से JRF में अप्लाई करने की अवधि समाप्त हो गई है। ऐसे में हम छात्रों की कोई वैकल्पिक व्यवस्था हो।
  • साल 2019 से 2021 तक सीट नहीं निकाली गई। इसका HOD को लिखित जवाब दें। जबकि, हिंदी विभाग में 150 सीटें खाली थीं।