उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक पर अभद्र टिप्पणी के मामले पर सियासत तेज होती जा रही है. भारतीय जनता पार्टी इसे लेकर समाजवादी पार्टी पर हमलावर है. वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को इस मामले में लीगल नोटिस भेजा गया है, जिसमें उनसे सार्वजनिक तौर पर माफी की मांग की गई है. इस पूरे विवाद पर अब अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है, उन्होंने नोटिस को लेकर सवाल उठाए हैं.
अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बीजेपी पर पलटवार किया और शायरी के जरिए सत्ताधारी पार्टी को घेरने की कोशिश की. उन्होंने आरोप लगाया कि जब सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं के द्वारा बदजुबानी की जाती है तो उन पर कार्रवाई नहीं होती. अखिलेश ने लिखा कि ‘हुक्मरानों की बदजुबानी पर भी आजादी और किसी की सच कहने पर गिरफ्तारी.’
हुक्मरानों की बदज़ुबानी पर भी आज़ादी
और किसी की सच कहने पर गिरफ़्तारीबृजेश पाठक पर किया गया था आपत्तिजनक पोस्ट
बता दें कि समाजवादी पार्टी के मीडिया हैंडल से डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी, जिसके बाद पूरे मामले में तूल पकड़ लिया और दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया. ख़ुद डिप्टी सीएम ने इस ट्वीट को लेकर सपा को घेरा और भाषा पर सवाल उठाए हैं. विवाद बढ़ने के बाद अखिलेश यादव ने भी डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की, लेकिन फिलहाल ये मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है.इस मामले में अखिलेश यादव समेत अन्य को मानहानि का नोटिस भेजा गया है. जिसमें 15 दिन के अंदर माफी की मांग की गई है. नोटिस में कहा गया है कि सपा की ओर से बृजेश पाठक के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया, उससे डिप्टी सीएम और उनके परिवार के सदस्य आहत हैं. इससे उनकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान हुआ. नोटिस में कहा है कि अगर माफी नहीं मांगी गई तो उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाएगा.