यूक्रेन के बाद क्‍या अब फिनलैंड पर बारूद बरसाएंगे पुतिन? सीमा पर रूस तैनात करेगा सबसे नई महाशक्तिशाली तोप

# ## International

(www.arya-tv.com) यूक्रेन युद्ध और नाटो के साथ चल रहे तनाव के बीच रूस अपने सबसे नई तोप को जल्‍द ही उत्‍तरी सैन्‍य जिले में तैनात करने जा रहा है। रूस का यह वही सैन्‍य जिला है जो फिनलैंड और नार्वे की सीमा से सटा हुआ है।इस नई तोप का नाम कोलिटिऑन एसवी है और इसका परीक्षण पूरा हो गया है।

अब रूस इस नई तोप बड़े पैमाने पर उत्‍पादन शुरू कर चुका है। इस तोप को बनाने वाली कंपनी रोस्‍टेक के डायरेक्‍टर सर्गेई चेमेजोव ने इसकी जानकारी दी है। रूस इस घातक तोप को ऐसे समय पर तैनात करने जा रहा है जब फिनलैंड हाल ही में नाटो में शामिल हुआ है।

चेमेजोव ने कहा कि तोपों के पहले बैच को साल 2023 के अंत तक दे दिया जाएगा। चेमेजोव ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि वे तोपें उत्‍तरी मिलिट्री डिस्ट्रिक में जल्‍द ही नजर आएंगी। इसकी वजह यह है कि इस श्रेणी की तोपों को मारक रेंज के मामले में पश्चिमी तोपों के मॉडल पर बढ़त दिलाने के लिए जरूरत है।

‘ राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने साल 2021 में रूस के उत्‍तरी बेड़े का पुर्नगठन किया था और इसको प्रमुख जिम्‍मेदार उत्‍तरी मिलिट्री डिस्ट्रिक की दे दी थी। इस नए पुर्नगठन में मुरमांस्‍क इलाका भी शामिल है जो फिनलैंड और नार्वे की सीमा से मिलता है।

पुतिन की तोप कितनी खतरनाक ?

रूस ने यूक्रेन पर हमले के बाद आरोप लगाया है कि पश्चिमी देश मिलकर रूस के खिलाफ प्रॉक्‍सी वॉर चला रहे हैं। रूस ने धमकी दी थी कि अगर फिनलैंड नाटो में शामिल होता है तो वह फिनलैंड की पश्चिमी सीमा पर अपनी सेना को मजबूत करेंगे।

बताया जा रहा है कि रूस ने कोलिटिऑन एसवी तोप को पहले ही यूक्रेन में युद्धक मोर्चे पर तैनात कर दिया है। रूस की आध‍िकारिक न्‍यूज एजेंसी तास ने कुछ समय पहले इसकी जानकारी दी थी। रूस के इस तोप की मारक क्षमता 70 किमी तक है।

रूस का दावा है कि यह तोप 152 एमएम की है और 1 मिनट में 10 से ज्‍यादा गोले दागने की क्षमता रखती है। इस तोप में पूरा ऑटोमेट‍िक स‍िस्‍टम लगा हुआ है। यह खुद ही टारगेट का चुनाव करने की क्षमता से लैस है।

उधर, फिनलैंड ने भी रूस से पैदा होने वाले खतरों से निपटने के लिए अपनी तैयारी को पुख्‍ता करना शुरू कर दिया है। फिनलैंड अमेरिका के साथ मिलकर अपनी सैन्‍य तैयारी को बढ़ावा दे रहा है।

फिनलैंड पुतिन की कई बार दी गई धमकी के बाद नाटो में शामिल होने का फैसला किया था।