(www.arya-tv.com) शूजित सरकार के निर्देशित सरदार ऊधम में विक्की कौशल के अभिनय को आज के समय में काफ़ी सराहा जा रहा है। जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने वाले क्रांतिकारी सरदार ऊधम सिंह की बायोपिक पहली बार हिंदी सिनेमा में आयी है और इस ऐतिहासिक किरदार को निभाना विक्की के लिए आसान नहीं था।
सरदार ऊधम सिंह के लिए अपनी तैयारियों के अलावा मसान, रमन राधव 2.0 जैसी फ़िल्मों के बाद अपने करियर की च्वाइसेज़ और सोशल मीडिया के निजी जीवन में प्रभाव को लेकर विस्तार से लोगों से बातचीत किया। सरदार ऊधम अमेज़न प्राइम वीडियो पर 16 अक्टूबर को रिलीज़ हो चुकी है।
अगर प्रभाव तो पड़ता है। जैसा आपने कहा कि ट्रोलिंग में एक ग़लत परसेप्शन होता है। उसमें सच-झूठ का कुछ पता ही नहीं चलता है। इतना शोर होने लगता है। कि लोग एक-दूसरे को ही रिपीट करते रहते हैं। अगर आप सोशल मीडिया का हिस्सा हैं तो उसे ज़िम्मेदारी के साथ हैंडल करना चाहिए।
अगर आप ऐसे में कोई सुझाव दे रहे हैं तो बहुत ज़िम्मेदारी के साथ दीजिए। ताकि जो आज के समय में सुनी सुनाई बातों पर ध्यान मत दीजिए। आप वही सुझाव दीजिए जो तथ्यात्मक हो। इसी के कारण सोशल मीडिया व वॉट्सऐप के जारिए एक चीज आती है और वह जब लोगों तक पहुंचती है, उसके मायने ही कुछ और हो जाते है। ऐसे में हम सब को सामूहिक रूप से इसे अच्छे डील करना होगा।