22 साल बाद कोई रक्षा मंत्री जा रहा है ब्रिटेन, डिफेंस सेक्टर में यूके का मिलेगा साथ, राजनाथ सिंह के यूके दौरे के क्या हैं मायने?

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(www.arya-tv.com) रणनीतिक, सुरक्षा संबंधों को और मजबूत और बेहतर बनाने के उद्देश्य से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को ब्रिटेन की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को इस यात्रा की जानकारी देते हुए बताया कि राजनाथ सिंह और ब्रिटिश रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्स के बीच रक्षा, सुरक्षा और औद्योगिक सहयोग के क्षेत्र में व्यापक मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

उनकी ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और विदेश मंत्री डेविड कैमरन से भी मुलाकात की उम्मीद है। दोनों पक्षों में लड़ाकू विमानों और अन्य सैन्य मंचों के संयुक्त विकास में सहयोग पर चर्चा हो सकती है। हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया और यूक्रेन की स्थिति पर भी चर्चा होगी।

रक्षा मंत्री के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा, जिसमें सेना के तीनों अंगों, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रक्षा उत्पादन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। राजनाथ सिंह मंत्रालय यूके रक्षा उद्योग के CEO और उद्योग जगत के नेताओं से भी बातचीत करेंगे और भारतीय समुदाय से मिलेंगे।

22 साल बाद भारतीय रक्षा मंत्री की ब्रिटेन यात्रा

रक्षा मंत्री की ब्रिटेन यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि 22 सालों के बाद किसी भारतीय रक्षा मंत्री की यह पहली ब्रिटेन यात्रा होगी। जून 2022 में राजनाथ सिंह की ब्रिटेन की पूर्व नियोजित यात्रा को भारतीय पक्ष ने ‘प्रोटोकॉल कारणों’ का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था।

इस दौरान राजनाथ ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्स के साथ विभिन्न मुद्दों पर व्यापक बातचीत करेंगे। इसके अलावा वह औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ का निरीक्षण करेंगे तथा लंदन में स्थित महात्मा गांधी और डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मारक भी जाएंगे। रक्षा मंत्री सिंह के ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करने की उम्मीद है।

ब्रिटेन के साथ रक्षा क्षेत्र पर हो सकते हैं कई अहम समझौते

लंदन स्थित विचार समूह ‘इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज’ (आईआईएसएस) में दक्षिण और मध्य एशियाई देशों के रक्षा, रणनीति और कूटनीतिक मामलों के वरिष्ठ फेलो राहुल रॉय चौधरी ने कहा, ‘राजनाथ सिंह की यह यात्रा रणनीतिक और सामरिक दोनों ही दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

बीते 22 वर्षों के बाद किसी भारतीय रक्षा मंत्री की यह पहली ब्रिटेन यात्रा होगी। पिछली बार भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार में रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने 22 जनवरी 2002 को ब्रिटेन की यात्रा की थी।’ रॉय-चौधरी के अनुसार, राजनाथ सिंह की प्रस्तावित यात्रा ब्रिटेन के साथ भारत के राजनीतिक संबंधों में सुधार का संकेत देती है।

इसके अलावा पिछले साल सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की भारत यात्रा के बाद दोनों देशों के रिश्तों में विकसित होती आपसी विश्वास की भावना का भी पता चलता है।

तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी की हो सकती है नई शुरुआत

नवंबर 2023 में दोनों देशों के बीच सचिव स्तर पर दिल्ली में रक्षा सलाहकार समूह (डीसीजी) की बैठक हुई थी। इसके अलावा अक्टूबर 2023 में संयुक्त सचिवों के स्तर पर भारत और ब्रिटेन के बीच 2+2 विदेश और रक्षा वार्ता की पहली बैठक हुई थी।

रॉय-चौधरी ने कहा, ‘ब्रिटेन अब भारत के शीर्ष पांच रणनीतिक साझेदारों में से एक नहीं है। हालांकि, रोल्स-रॉयस के साथ एयरो-इंजन पर चल रही परियोजनाओं की आपूर्ति के माध्यम से एक मजबूत भारत-ब्रिटेन रक्षा तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी की शुरुआत हो सकती है।

’ उन्होंने कहा, ‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान ब्रिटेन के प्रमुख हथियार निर्माण स्थलों में से एक का दौरा करने की भी संभावना है।’

खालिस्तान के मुद्दे पर भी हो सकती है बात

भारतीय रक्षा मंत्री की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक हिंसा को लेकर भारत ने चिंता व्यक्त की है। इसके अलावा भारत को ब्रिटेन की रक्षा आपूर्ति पर कुछ विवादास्पद ऐतिहासिक मुद्दों पर भी बातचीत होने की उम्मीद है।

हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि मंत्री स्तर पर बातचीत के इस अवसर के साथ, रक्षा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ एजेंडे के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए।