नये शासनादेश के अनुसार एक व्यक्ति तीन शस्त्र लाइसेंस नहीं रख सकेगा: मन्नान

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उरई।(आरएनएस ) जिलाधिकारी डाॅ. मन्नान अख्तर द्वारा अवगत कराया गया है कि सचिव गृह उत्तर प्रदेश शासन गृह(पुलिस) अनुभाग-5 लखनऊ के पत्र दिनांक 23 जून 2020 एवं उत्तर प्रदेश शासन के पत्र दिनांक 29 जनवरी 2020 के द्वारा गृह मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली की गजट अधिसूचना दिनांक 13 दिसम्बर 2019, गृह मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली की गजट अधिसूचना दिनांक 14 दिसम्बर 2019 एवं आम्र्स एमेंडमेंट एक्ट 2019 में किये गये संशोधित प्राविधानों के कार्यान्वयन हेतु अग्रेत्तर कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है कि आर्म्स (एमेंडमेंट) एक्ट 2019 की धारा-03(2) उप-धारा (1) में कोई भी व्यक्ति जो उपधारा (3) में निर्दिष्ट व्यक्ति से भिन्न है, किसी भी समय दो से अधिक आग्नेयास्त्र न तो अर्जित करेगा, न अपने कब्जे में रखेगा और न लेकर चलेगा।

परन्तु यह कि ऐसा कोई व्यक्ति जिसके कब्जे में आयुध (संशोधन) अधिनियम 2019 के प्रारम्भ के समय से तीन से अधिक आग्नेयास्त्र है, ऐसे आग्नेयास्त्रों में से काई दो अपने पास रखेगा और एक आग्नेयास्त्र जमा करेगा और ऐसे प्रारम्भ से एक वर्ष के भीतर शेष आग्नेयास्त्रों की निकटतम पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी के पास या धारा 21 की उपधारा (1) के प्रयोजन के लिए विहित शर्तों के अध्यधीन अनुज्ञप्त डीलर के पास या, जहां ऐसा व्यक्ति संघ के सशस्त्र बलों का सदस्य है, वहां उस उपधारा में निर्दिष्ट किसी यूनिट शस्त्रागार में जमा करेगा जिसके बाद यह अनुज्ञप्ति अगले नब्बे दिनों के भीतर समाप्त कर दी जायेगी। परन्तु यह कि विरासत तथा उत्तराधिकारी के आधार पर अनुज्ञप्ति प्रदान करते समय आग्नेयास्त्र की अधिकतम विहित सीमा का भंग नही किया जायेगा, परन्तु यह आयुध अधिनियम, 1959 एवं आयुध (संशोधन) अधिनियम, 2019 में दी गयी व्यवस्था के अनुसार शस्त्र लाइसेन्सधारक केवल दो शस्त्र रख सकता है, यदि किसी भी लाइसेन्सधारक के पास पूर्व से तीन शस्त्र अंकित है, वे अपने तीसरे शस्त्र को दिनांक 13 दिसम्बर 2020 तक जमा/सरेंडर कर दें।

इस संबंध में किसी भी तरह की शिथिलता बरती जाती है तो उसे गंभीरतापूर्वक लिया जायेगा। यह कि आम्र्स(एमेंडमेंट) एक्ट 2019 की धारा-15(1) धारा 3 के अधीन अनुज्ञप्ति यदि पहले ही उसे प्रतिसंहरित न कर दिया गया हो, तो वह उस तारीख से, जब वह मंजूर की जाए, पांच वर्ष की अवधि के लिये प्रवृत्त बनी रहेगी। परन्तु यह कि ऐसी कोई भी अनुज्ञप्ति अल्प अवधि के लिये मंजूर की जा सकेगी यदि वह व्यक्ति, जिसे अनुज्ञप्ति की जरूरत है ऐसा चाहता है अथवा अनुज्ञाप्ति प्राधिकारी किन्ही कारणांे से जिन्हंे लिखित रूप में दर्ज किया जाएगा, किसी मामले में यह समझता है कि अनुज्ञप्ति अल्प अवधि के लिये मंजूर की जानी चाहिये। परन्तु यह और कि धारा-3 अधीन मंजूर की गई अनुज्ञप्ति धारा 9 की उप धारा(1) के खण्ड (क) के उपखण्ड (ΙΙΙ) में निर्दिष्ट शर्तो के अध्यधीन होगी और अनुज्ञप्ति धारक को अनुज्ञप्ति मंजूर किए जाने अथवा नवीनीकरण की तारीख से प्रत्येक पांच वर्ष के पश्चात अनुज्ञापन प्राधिकारी के समक्ष आग्नेयास्त्र तथा संबंधित दस्तावेजों सहित अनुज्ञप्ति प्रस्तुत करने के लिये कहा जाएगा।

लाइसेन्स की अवधि आयुध अधिनियम की धारा-15(1) के अनुसार तीन वर्ष से बढाकर पाॅच वर्ष कर दी गयी है। प्रत्येक शस्त्र लाइसेन्सधारक शस्त्र लाइसेन्स नवीनीकरण हेतु आगामी नवीनीकरण के समय तीन वर्ष के स्थान पर पाॅच वर्ष का नवीनीकरण शुल्क निर्धारित लेखाशीर्षक में जमा कर वाॅछित प्रपत्रों के साथ आवेदन करेगा। नये शस्त्र लाइसेंन्सों के लिये आवेदन पत्र/अन्य सेवाओं के लिये आवेदन पत्र/आग्नेयास्त्रों के पृष्ठांकन आदि के लिये प्रार्थना पत्र एनडीएएल एलिस पोर्टल के माध्यम से स्वीकार किये जायें।