(www.arya-tv.com) यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में पुरानी पेंशन ही एक ऐसा मुद्दा रहा जो भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित हुआ। बैलेट के वोट ने भाजपा के सीटो पर काफी चोट किया। इससे यह बात तो साफ हो गई कि आने वाले लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा भाजपा को बड़ा चोट पहुंचाने में विपक्षी दलों के लिए ब्रम्हास्त्र साबित हो सकता है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर लगभग सभी दलों ने सरकारी कर्मचारियों को अपने पाले में करने के लिए इस अस्त्र का प्रयोग किया। इसका असर भी काफी देखने को मिला।
जनता के साथ से भाजपा को मिली संजीवनी
सरकारी कर्मचारियों के पोस्टल बैलेट के चुनाव में भाजपा को काफी नुकसान भी पहुंचा, लेकिन जनता के साथ ने भाजपा के लिए संजीवनी का काम किया और चुनाव में जीत की मिठाई का स्वाद एक बार फिर से चखने का मौका दिया। समाजवादी पार्टी की ओर से लगभग सभी रैली और जनसभाओं में पुरानी पेशन बहाली को लेकर वादे चुनाव के अंतिम दौर तक जारी रहे। यही कारण रहा कि सरकारी कर्मचारियों ने अंत समय में पाला बदल लिया।
इस चुनाव में पड़े पोस्टल मतों को देखें तो ज्यादातर सीट पर सपा प्रत्याशी को भाजपा की तुलना दोगुने वोट मिले हैं। कई सीट पर तो तीन गुना में से भी ज्यादा वोट सपा को मिले हैं। नेताओं का कहना है कि हर विधानसभा में करीब एक हजार पोस्टल वोट पड़े हैं। इनके आधार पर अन्य कर्मचारियों तथा उनके परिवार के रुख का अनुमान लगाया जा सकता है।