(www.arya-tv.com)वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम गेब्येयियस ने कोरोना महामारी के लंबे समय तक रहने की चेतावनी जारी की है। टेड्रोस ने एशिया और मध्य पूर्व के देशों में बढ़ते कोरोना केस पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में लोगों को वैक्सीन के 780 मिलियन डोज (करीब 78 करोड़) दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी कोविड-19 के केस तेजी से बढ़ रहे हैं।
टेड्रोस ने सोशल डिस्टेंसिंग रखने और मास्क पहनने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि वे एक बार फिर सभी देशों के बीच व्यापार और ट्रैवल होते देखना चाहते हैं। WHO की टेक्निकल लीड मारिया वन कर्खोवे ने बताया कि महामारी का दायरा बढ़ते जा रहा है। अब यह पहलू की तुलना में काफी तेजी से फैल रहा है।
यूरोप में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 10 लाख के पार
दुनियाभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसी बीच यूरोप में कोरोना की वजह से मरने वालों का आंकड़ा 10 लाख के पार पहुंच गया। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, यूरोप के 52 देशों में अब तक 10 लाख 288 लोगों की मौत हो चुकी है।
वैक्सीन के साथ मास्क-टेस्टिंग जरूरी : WHO
इससे पहले WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस ग्रेब्रेयेसस ने सोमवार को बताया था कि लगातार चौथे हफ्ते में मौतें भी बढ़ी हैं। जनवरी और फरवरी में लगातार 6 हफ्ते केस कम हुए थे। अब स्थितियां बिल्कुल बदल गई हैं। एशिया और मिडिल ईस्ट के कई देशों में हालात बिगड़ रहे हैं। वैक्सीनेशन ड्राइव के बावजूद नए केस बढ़ रहे हैं। इसे रोकने में वैक्सीन सबसे मजबूत हथियार है, लेकिन यह अकेला काफी नहीं है। मास्क पहनना, फिजिकल डिस्टेंस, सफाई, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और आइसोलेशन न सिर्फ संक्रमण रोकते हैं, बल्कि जिंदगी भी बचाते हैं।
सिनोवैक की वैक्सीन ने 50% असर दिखाया
चीन की निजी कंपनी सिनोवैक की डेवलप की गई कोरोनावैक वैक्सीन का ब्राजील में क्लीनिकल ट्रायल किया। इसने सिर्फ 50.4% असर दिखाया। तुर्की में एक और ट्रायल से पता चला कि यह 83.5% प्रभावी है। सरकारी कंपनी सिनोफार्म ने कहा कि उसकी दो वैक्सीन का एफिकेसी रेट 79.4% और 72.5% है। इसकी तुलना में फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना की वैक्सीन ने 97% और 94% असर दिखाया है।