वीर साहिबजादों ने मजहबी कट्टरता-आतंक का वजूद हिलाया; जेन जी ही देश को आगे ले जाएंगे – पीएम

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(www.arya-tv.com) 

अभिषेक राय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीर बाल दिवस के मौके पर नई दिल्ली में स्थित भारत मंडपम में बच्चों को संबोधित किया। भारत मंडपम में हुए आयोजन से पहले प्रधानमंत्री ने इस वर्ष वीरता पुरस्कार से सम्मानित बच्चों के साथ संवाद भी किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज देश वीर बाल दिवस मना रहा है। अभी वंदे मातरम की सुंदर प्रस्तुति हुई। आज हम उन वीर साहिबजादों को याद कर रहे हैं, जो भारत का गौरव हैं।’ उन्होंने कहा, ‘वीर साहिबजादे भारत के अदम्य साहस, शौर्य, वीरता की पराकाष्ठा हैं। वीर साहिबजादों ने उम्र और अवस्था की सीमाओं को तोड़ दिया। वे क्रूर मुगल सल्तनत के सामने चट्टान की तरह खड़े हो गए। इससे मजहबी कट्टरता और आतंक का वजूद ही हिल गया।’

वीर साहिबजादों को छोटी उम्र में उस समय की सबसे बड़ी सत्ता से टकराना पड़ा :पीएम मोदी
उन्होंने कहा, ‘वीर साहिबजादों को छोटी सी उम्र में उस समय की सबसे बड़ी सत्ता से टकराना पड़ा। वो लड़ाई भारत के मूल विचारों और मजहबी कट्टरता के बीच थी। वो लड़ाई सत्य बनाम असत्य के बीच थी। उस लड़ाई की एक ओर गुरु गोविंद सिंह जी थे, दूसरी ओर क्रूर औरंगजेब की हुकूमत थी।” उन्होंने कहा कि हमारे साहिबजादे उस समय छोटे ही थे, लेकिन औरंगजेब की क्रूरता को इससे फर्क नहीं पड़ा। वो जानता था कि उसे अगर भारत के लोगों को डराकर उनका धर्मांतरण कराना है तो इसके लिए उसे हिंदुस्तानियों का मनोबल तोड़ना होगा। इसलिए उसने साहिबजादों को निशाना बनाया। पीएम मोदी ने कहा कि भले ही पूरी मुगलिया बादशाहत उनके पीछे लग गई, लेकिन चारों साहिबजादों में से एक को भी डिगा नहीं पाई। साहिबजादा अजीत सिंह जी के शब्द आज भी उनके हौसले की कहानी कहते हैं। अजीत सिंह जी ने कहा था कि नाम का अजीत हूं, जीता न जाऊंगा, जीता भी गया तो जीता न आऊंगा।

गुलामी की मानसिकता से देश को आजाद नहीं होने दिया गया :पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही हमने गुरु तेगबहादुर को उनके 350वें बलिदान दिवस पर याद किया था। जिन साहिबजादों के पास गुरु तेगबहादुर जी के बलिदान की प्रेरणा हो, वो मुगल अत्याचारों से डर जाएंगे, ये सोचना ही गलत था। साहिबजादों के बलिदान की गाथा देश में जन-जन की जुबान पर होनी चाहिए थी। दुर्भाग्य से आजादी के बाद भी देश में गुलामी की मानसिकता हावी रही। इस गुलामी का बीज अंग्रेज राजनेता मैकाले ने 1835 में बोया था। उस मानसिकता से देश को आजादी के बाद भी मुक्त होने नहीं दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि आजादी के बाद भी देश में ऐसी सच्चाईयों को दबाने की कोशिश की गई। अब भारत ने तय किया है कि गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पानी ही होगी। अब हम भारतियों के बलिदान और शौर्य की स्मृतियां दबेंगी नहीं। अब देश के नायक-नायिकाओं को हाशिये पर नहीं रखा जाएगा, और इसलिए ‘वीर बाल दिवस’ को हम पूरे मनोभाव से मना रहे हैं। गुलामी की मानसिकता से मुक्त होते हमारे देश में, भाषाई विविधता हमारी ताकत बन रही है। पीएम मोदी ने कहा, ‘जिस राष्ट्र के पास ऐसा गौरवशाली अतीत हो, जिसकी युवा पीढ़ी को ऐसी प्रेरणाएं विरासत में मिली हों, वो राष्ट्र क्या कुछ नहीं कर सकता है। जब भी 26 दिसंबर का दिन आता है, मुझे ये तसल्ली होती है कि हमारी केंद्र सरकार ने साहिबजादों की वीरता से प्रेरित होकर वीर बाल दिवस मनाना शुरू किया।’

जेन-जी और जेन अल्फा ही विकसित भारत के लक्ष्य तक ले जाएंगे :पीएम मोदी
पीएम मोदी ने जेन-Z और जेन-अल्फा को संबोधित करते हुए कहा, ‘आपकी जेनरेशन ही भारत को विकसित भारत के लक्ष्य तक ले जाएगी। मैं जेन-Z की योग्यता, आपका आत्मविश्वास देखता हूं, समझता हूं और इसलिए आप पर बहुत भरोसा करता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘पहले युवा सपने देखने से भी डरते थे, क्योंकि पुरानी व्यवस्थाओं में ये माहौल बन गया था कि कुछ अच्छा हो ही नहीं सकता। चारों ओर निराशा का वातावरण था। लेकिन आज देश प्रतिभा को खोजता है, उन्हें मंच देता है।’ उन्होंने कहा, ‘डिजिटल इंडिया की सफलता के कारण आपके पास इंटरनेट की ताकत है, आपके पास सीखने का संसाधन है। जो साइंस, टेक या स्टार्टअप्स में आगे जाना चाहते हैं तो उनके लिए स्टार्टअप इंडिया मिशन है। ऐसे तमाम मंच आपको आगे बढ़ाने के लिए हैं। आपको बस फोकस रहना है और इसके लिए जरूरी है कि आप शॉर्ट टर्म पॉपुलैरिटी की चमक-धमक में न फंसे। आपको अपनी सफलता को केवल अपने तक सीमित नहीं मानना है। आपका लक्ष्य होना चाहिए, आपकी सफलता देश की सफलता बननी चाहिए।’

साहसी और प्रतिभावान बच्चों को मिला मंच :पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों में वीर बाल दिवस की नई परंपरा ने साहिबजादों की प्रेरणाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाया है। वीर बाल दिवस ने साहसी और प्रतिभावान बच्चों के निर्माण के लिए एक मंच तैयार किया है। उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आए 20 बच्चों को ये पुरस्कार दिए गए हैं। उन्होंने पुरस्कार जीतने वाले बच्चों से कहा कि आपका ये सम्मान आपके लिए तो है ही, ये आपके माता-पिता का, आपका टीचर और मेंटर्स का भी सम्मान है। पीएम मोदी ने एक-एक बच्चे के साथ वक्त गुजारा और उनके शौर्य और पराक्रम की सराहना की। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सत्यनिष्ठा के प्रतीक गुरु गोविंद सिंह आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे। केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि हर वर्ष प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल वीर पुरस्कारों के लिए आवेदन की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जब हम इन बच्चों की उपलब्धियां देखते हैं तो मन गर्व से भर उठता है। भविष्य के प्रति हमारा विश्वास और मजबूत होता है। उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल वीर पुरस्कार से सम्मानित बच्चों से कहा कि यह पुरस्कार आपके सपनों, संघर्षों और उपलब्धियों की पहचान है। जो लाखों बच्चों को प्रेरित करेगा।

2022 से हुई वीर बाल दिवस मनाने की शुरुआत, पीएम मोदी ने बताई अहमियत
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिखों के गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्र साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के असाधारण साहस और सर्वोच्च बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का एलान किया था। उन्होंने आज वीरता पुरस्कार से नवाजे गए बच्चों से मुलाकात के पहले एक्स हैंडल पर लिखा, ‘वीर बाल दिवस श्रद्धा का दिन है, जो वीर साहिबजादों के बलिदान को याद करने के लिए समर्पित है। हम माता गुजरी जी की अटूट आस्था और श्री गुरु गोविंद सिंह जी की अमर शिक्षाओं को याद करते हैं। यह दिन साहस, दृढ़ विश्वास और सत्यनिष्ठा का प्रतीक है। उनका जीवन और आदर्श आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।’