यूक्रेन में बांध टूटने से डूबे 2000 घर:30 कस्बे बाढ़ की चपेट में:लैंड-माइन रेस्क्यू ऑपरेशन में बनी परेशानी

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(www.arya-tv.com) यूक्रेन का काखोवका बांध टूटने से खरसोन में 30 से ज्यादा गांव और कस्बे बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें 20 यूक्रेन और 10 रूसी सेना के कब्जे में हैं। 2000 घर पूरी तरह से पानी में समा चुके हैं। 40 हजार लोगों की जिंदगी खतरे में है। अभी तक पता नहीं चल पाया है कि बांध पर हमला किसने किया। रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच रूस और यूक्रेन एक-दूसरे पर बांध तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं।

वहीं, बांध पर हमला उस समय हुआ है जब यूक्रेन खरसोन और डोनटेस्क में रूसी सेना पर बड़े हमले की ओर बढ़ रहा था। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक रूस पर हमले के लिए बिछाई गई लैंड माइन अब बचाव कार्यों में रुकावट बन रही हैं। इलाके में पानी भर जाने के कारण उन्हें लोकेट करना मुश्किल हो रहा है।

पानी में माइन्स भी तैर रहीं
रेड क्रॉस के एक अधिकारी के मुताबिक लैंड माइन की वजह से न सिर्फ खरसोन के लोगों को खतरा है, बल्कि ये उन लोगों के लिए भी बड़ी चुनौती है जो उन्हें बचाने के लिए आ रहे हैं। दुश्मन के लिए बिछाई गई लैंड माइन ज्यादा पानी आने की वजह से तैरने लगी हैं। अगर ये किसी चीज से टकराती हैं तो फट जाएंगी। अधिकारी ने कहा कि इलाके में पानी आने से पहले हमें पता था ये कहां हैं पर अब हमें कुछ जानकारी नहीं है।

इस बीच यूक्रेन ने रूस पर आरोप लगाया है कि वो बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने वाली रेस्क्यू टीम पर हमला कर रहा है। जेलेंस्की ने कल शाम दिए अपने भाषण में कहा कि रूस ने लोगों को बाढ़ में फंसा हुआ छोड़ दिया। यूक्रेन ने अब तक 2 हजार लोगों को बचाया है। द वॉशिंटन पोस्ट को बाढ़ में फंसे एक यूक्रेनी ने बताया कि पूरी गली के लोग छतों पर बैठे हैं और मदद के इंतजार में हैं। लोगों के पास खाना का सामान नहीं है, पीने के लिए पानी नहीं है।

डैम से न्यूक्लियर प्लांट को पानी की सप्लाई होती है
नाइपर नदी पर बना काखोवका डैम 30 मीटर लंबा है और 3.2 किमी इलाके में फैला हुआ है। इसे सोवियत शासन के दौरान 1956 में बनाया गया था। इस डैम से ही क्रीमिया और जपोरीजिया न्यूक्लियर प्लांट में पानी पहुंचाया जाता है। नोवा काखोवका के मेयर वोलोदिमिर कोवालेंको ने कहा है कि इलाके में पानी का स्तर काफी तेज से बढ़ रहा है। चिड़ियाघर, थिएटर, कैफे और खेल के मैदान पानी में समा चुके हैं। लोगों को वहां से निकालने का काम किया जा रहा है।