पॉलिटिकल बयान को छोड़ दिल्ली में लुत्फ उठा रहे हैं तेज प्रताप

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(www.arya-tv.com) लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप इन दिनों दिल्ली में हैं। वह अपने दोस्त के साथ आउटिंग कर रहे हैं। सियासी बयानबाजी से दूर अतिथि देवो भवः का आनंद ले रहे हैं। गुरुवार रात उन्होंने दोस्त चैतन्य पालित के घर में उनके परिवार के साथ डिनर किया। तेजप्रताप के साथ ली गई फोटोज को सोशल मीडिया पर अपलोड करते हुए चैतन्य ने लिखा है- अतिथि देवे भवः।

जगदा बाबू पार्टी ऑफिस भी आ रहे हैं
बिहार में तेज प्रताप के बयान से शुरू बवाल पार्टी के अंदर धीरे-धीरे थमता जा रहा है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह लगातार पार्टी दफ्तर आ रहे हैं, लेकिन किसी को इंटरव्यू देने से पहले जगदा बाबू की एक शर्त जरूर रहती है कि तेजप्रातप यादव से जुड़ा सवाल न पूछे। इस सवाल पर वह पहले ही जवाब दे चुके हैं कि वे अपनी पार्टी में सिर्फ लालू प्रसाद यादव को जानते हैं और पार्टी में उनसे ऊपर सिर्फ वह ही हैं। वे यह भी कह चुके हैं कि- हू इज तेजप्रताप।

बयानबाजी के बाद दिल्ली में
तेज प्रताप ने आठ अगस्त को जगदानंद सिंह को हिटलर कहा था और उसके बाद वह एक सप्ताह से ज्यादा समय तक ऑफिस नहीं आए थे। लालू प्रसाद के मनाने के बाद उन्होंने पार्टी ऑफिस आना शुरू किया था। बुधवार को तेज प्रताप यादव ने वृंदावन की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड की थी। वे अपने अध्यात्मिक गुरु श्री बल्लभाचार्या से आशीर्वाद लेते हुए नजर आ रहे थे।

कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके हैं तेज प्रताप के दोस्त चैतन्य पालित।
ताजा तस्वीरों में तेजप्रताप यादव अपने दोस्त चैतन्य पालित के घर पर उनके परिवार के सदस्यों के साथ डिनर करते दिख रहे हैं। वे उनकी फोटो गैलरी भी देखते हुए फोटो में नजर आ रहे हैं। दिलचस्प यह कि वृंदावन में गुरु से मुलाकात हो या दिल्ली में दोस्तों से, तेज प्रताप किसी तरह का पॉलिटिकल बयान नहीं दे रहे हैं।

वे पहले ही प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और तेजस्वी के रणनीतिकार संजय यादव को अपने तीखे बयानों के लपेटे में ले चुके हैं और अब पॉलिटिकल चुप्पी साधे हुए हैं।

  चैतन्य पालित कौन हैं?

चैतन्य पालित गया के रहनेवाले हैं। वे दिल्ली में रहते हैं। उनके पिता जय कुमार पालित कांग्रेस से विधायक रहे थे। चैतन्य कांग्रेस से जुड़े हैं, लेकिन जब कांग्रेस ने पिछले चुनाव में चैतन्य को टिकट नहीं देकर अनिरुद्ध प्रसाद सिन्हा को टिकट दे दिया तो चैतन्य निर्दलीय चुनाव लड़ गए। वे चुनाव हार भी गए। चैतन्य अपने फिजिक को लेकर भी चर्चित हैं।