(www.arya-tv.com) फिल्म ‘72 हूरें’ के विवाद में अब संभल से सपा सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क भी कूद गए हैं। उन्होंने फिल्म को मनगढ़ंत बताया है। सपा सांसद ने कहा कि इस तरह की फिल्में लाकर मुसलमानों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप किया जा रहा है। शफीकुर्रहमान बर्क ने चेतावनी दी कि मुसलमानों के धार्मिक मामलों में दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने इस्लाम के हवाले से बताया कि अच्छे आमाल से जन्नत में हूरें मिलने का जिक्र है, लेकिन किस तरह मिलेंगी इसका विवरण नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की फिल्में मुसलमानों के मजहब में खुल्लमखुल्ला दखलंदाजी है और मुसलमान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।
बता दें कि 72 हूरें का टीजर रिलीज होने के साथ ही फिल्म पर विवाद का साया मंडरा रहा है। रिलीज से दो दिन पहले फिल्म के खिलाफ सेंसर बोर्ड में शिकायत दर्ज कराई गई है। सेंसर बोर्ड से संजय पूरन सिंह चौहान के निर्देशन में बनी फिल्म पर बैन लगाने की मांग की गई है।
कहा गया है कि फिल्म का कंटेंट विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। ‘द केरला स्टोरी’ के बाद आतंकवाद पर बनी 72 हूरें दूसरी विवादित फिल्म है।
दावा है कि 72 हूरें धर्मांतरण और आतंकवाद की काली दुनिया के भयावह सच को उजागर करती है। हालांकि, सेंसर बोर्ड को दी गई शिकायत में कहा गया है कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करना जरूरी है लेकिन ये भी ध्यान रखा जाए कि संविधान में दिए अधिकारों का दुरुपयोग नहीं किया जाए।
मुंबई के गोरेगांव थाने में भी सय्यद अरिफाली महमूदअली नामक शख्स ने शिकाय दी है। उन्होंने 72 हूरें के निर्देशक और निर्माता पर धर्म का अपमान करने, भेदभाव करने, नफरत को बढ़ावा देने और जनता के बीच मुस्लिम समुदाय की छवि खराब करने का आरोप लगाया है।