5G से बढ़ा अमेरिका में खतरा, फेल हो जाएगा फ्लाइट का ब्रेकिंग सिस्टम

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(www.arya-tv.com) टेक्नॉलजी जितनी आगे जाएगी, चीजें उतनी आसान हो जाती हैं। हमारे सामने इसके हजारों उदाहरण हैं। पहले 500 किलोमीटर की दूरी कई दिनों में तय होती थी। आज तकनीकि इतनी विकसित हो गई है कि आप एक दिन में जाकर अपना काम करके वापस भी आ सकते हैं। लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। उसी तरह टेक्नॉलजी के अपग्रेड होने से जहां बहुत सी परेशानियों का हल हुआ है तो परेशानियां बढ़ी भी हैं। हाई स्पीड इंटरनेट के लिए 5जी के इस्तेमाल की तैयारियां हो रही हैं। अमेरिका में 5G की शुरूआत के लिए तारीख जो तय हुई थी वो है एक जुलाई। लेकिन ये एयरलाइंस के लिए बहुत गंभीर समस्या हो रही है।

अब आप ये सोच रहे होंगे कि आखिरकार 5G से एयरलाइंस को क्या समस्या हो सकती है। विमान तो अभी भी उड़ रहे हैं जबकि 4G नेटवर्क भी लगभग सभी जगह हैं। अब तो मार्केट में भी ज्यादातर कंपनियां 5G सपोर्टेड फोन लॉन्च कर रही हैं। अमेरिका में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. बस यूं समझ लीजिए कि एक बटन दबाना है और 5G सेवाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। लेकिन ये बटन दबाने में ही हाथ कांप रहे हैं। ऐसा इसलिए है कि अगर ये बटन दब गया तो फ्लाइट रनवे से उड़ ही नहीं पाएंगे या फिर देरी से उड़ेंगे। इसके अलावा कभी कभार तो विमान के लैंडिंग में भी समस्या आ सकती है। यानी 150 से 200 यात्रियों की जान को खतरा।

अमेरिका के ट्रांसपोर्ट सेकेट्री पीट बटिगिएग ने इस खतरे से आगाह किया है। उनका मानना है कि अगर बिना अपडेट रेडियो अल्टीमीटर के उड़ान भरने वाली फ्लाइट को 5G नेटवर्क के कारण उड़ने में या तो देरी होगी या फिर फ्लाइट को कैंसल तक करना पड़ेगा। एयरलाइंस कंपनियों ने तो यहां तक कहा कि हम जितना सोच रहे थे ये तो उससे भी समस्या है। 5G सेवाओं को जब चालू करने की बात हो रही थी उस वक्त भी ऐसा सोचा गया था कि इसमें समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। लेकिन इतनी बड़ी और विकट समस्या होंगी ये अनुमान नहीं लगाया गया था। लेकिन इसके पीछे कारण क्या है? 5G नेटवर्क में ऐसा क्या है जो फ्लाइट को परेशान कर रहा है।

टेलीकॉम कंपनियां इंतजार में बैठी हैं कि कब 5G सेवाओं को लॉन्च करें। लेकिन एयरलाइंस कंपनियां डर में हैं कि अगर ये सर्विस लॉन्च हो गई तो फिर फ्लाइट सर्विस का क्या होगा? हजारों यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। दोनों के बीच एक समझौता हुआ है। समझौते के तहत अब तक 5G को लॉन्च करने में देरी की जा रही है। एयरपोर्ट के आस पास अगर कहीं भी वायरलेस 5G नेटवर्क हुआ तो विमान या तो रनवे पर ही खड़े रह जाएंगे या फिर लैंडिंग के वक्त बड़ी समस्या आ जाएगी।

अब इसका कारण समझिए। आसान भाषा में आपको बताएं जैसे आप कार, बाइक या स्कूटर चलाते हैं तो आप उचित जगह, जहां आपको रुकना है या ट्रैफिक है वहां पर आप ब्रेक लगाते हैं। वाहन वहीं रुक जाता है। इसके लिए आपका माइंड कंट्रोलिंग देता है। कहां पर स्पीड तेज करनी है, कहां पर ब्रेक लगाना है। लेकिन विमान में एक डिवाइस होती है। इसको हम अल्टीमीटर कहते हैं। ये वो डिवाइस है जो विमान को लैंडिंग में मदद करता है। पायलट को पता चलता है कि विमान जमीन से कितने ऊपर है या कितने करीब। इसकी हेल्प से पायलट आसानी से विमान को लैंड कराता है।

अब जो नई 5G सर्विस हैं वो रेडियो स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करती हैं। अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा था कि इससे (5G) चलते विमान के रेडियो अल्टीमीटर पर प्रभाव पड़ सकता है। इससे इंजन और ब्रेकिंग सिस्टम फेल या जाम हो सकता है। इससे बड़ा हादसा भी हो सकता है। अल्टीमीटर बहुत अहम पार्ट होता है. लैंडिंग में सबसे ज्यादा इसका काम होता है। अल्टीमीटर 4.2 से 4.4 GHz की फ्रीक्वेंसी पर काम करता है। वहीं जो 5जी सेवा है कि वो 3.7 से 3.98 GHz है। इन दोनों में कोई फासला नहीं है। इससे खतरा ज्यादा है।