सावधान! ऑटो सेक्टर में अगले तीन महीने में बेरोजगार हो सकते हैं पांच लाख लोग

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देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए कलपुर्जे बनाने वाली 57 अरब डॉलर की ऑटो कंपोनेंट सेक्टर पर संकट के बादल छाए हुए हैं। इस सेक्टर का देश की जीडीपी में 2.3 फीसदी का योगदान है। माना जा रहा है कि अगली तिमाही में इस सेक्टर में लाखों लोगों के रोजगार का संकट पैदा हो सकता है।
एमएसएमई सेक्टर को नहीं मिल रहे ऑर्डर
सूक्ष्म, लघु और मध्यम कंपनियों पर इसकी आंच आनी शुरू हो गई है। ऑटो कंपनियों से उन्हें पार्ट्स के लिए समुचित ऑर्डर नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे उनकी वित्तीय हालत पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। यहां तक कि कुछ कंपनियों ने भी ऑटो कंपनियों की तरह अपने काम के घंटों में कमी कर दी है। साथ ही नई भर्तियों पर रोक लगा दी है और वहीं अब वे छंटनी की तैयारी कर रहे हैं।
एक साल में एक लाख नौकरियां गईं
ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एक्मा) के मुताबिक वाहन उद्योग में गिरावट आई है और कंपोनेंट सेक्टर में पिछले कुछ महीनों में एक लाख से ज्यादा लोगों की नौकरियां गई हैं और यह सिलसिला अगले 3-4 महीने तक बना रह सकता है। अंदेशा जताया जा रहा है कि इस सेक्टर में 10 लाख लोगों की नौकरियां पर खतरा पैदा हो गया है। गौरतलब है कि इस सेक्टर में 50 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है, जिनमें से ज्यादातर ठेके पर काम करते हैं।
अगले छह से नौ महीने तक गिरावट का अंदेशा
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक रिक्रूटमेंट फर्म पीनो और टीमलीज ने अंदेशा जताया है कि अगली तिमाही में पांच लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं। टीमलीज सर्विसेज की को-फाउंडर रितुपर्णा चक्रवर्ती का कहना है कि हर कंपनी में से तकरीबन 10 फीसदी लोग नौकरी से हाथ धो बैंठेंगे। वहीं ऑटो सेक्टर में गिरावट का सिलसिला अगले छह से नौ महीने तक जारी रह सकता है।
7.50 लाख लोगों के रोजगार पर संकट
एक्मा के मुताबिक जिन कंपनियों का टर्नओवर 400 करोड़ से कम है, उन पर इसका सबसे ज्याद असर होगा। यह सेक्टर हर साल 15 अरब डालर का निर्यात करता है। इस सेक्टर में अकुशल और अर्ध-कुशल कर्मचारियों के अलावा ज्यादातर लोग कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं। एक्मा के मुताबिक इस सेक्टर में मंदी का दौर पिछले साल सितंबर में त्यौहारी सीजन से शुरू हुआ था, जिसके बाद से अभी तक काम के घंटों में 15 फीसदी की कटौती की गई है। अमलागैमेशंस ग्रुप के एमडी वैंकेटारमानी के मुताबिक अगली तिमाही में तकरीबन 15 फीसदी यानी कि लगभग 7.50 लाख लोगों के रोजगार पर संकट पैदा हो सकता है।