साइबर अटैक में हैकर्स की पहली पसंद बने बैंक

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लगातार बढ़ रहे साइबर हमलों को देखकर लग रहा है कि इसे तत्काल प्रभाव से रोकना तो मुश्किल ही है। साइबर अटैक आज दुनियाभर के देशों के लिए सिरदर्द बन चुका है। साइबर अटैक में सबसे ज्यादा बैकिंग सेक्टर को नुकसान हो रहा है।

बैकिंग सेक्टर पर सबसे ज्यादा निशाना
एक बात तो पूरी तरह से साफ है कि दुनिया जितनी डिजिटल होगी, साइबर अटैक के खतरे उतने ही बढ़ेंगे और गौर करने वाली बात यह पूरी दुनिया डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रही है। भारत में भी वित्तीय लेनदेन के लिए भीम, गूगल पे, फोनपे और पेटीएम जैसे कई सारे एप्स का इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में बैंकों पर सबसे बड़ा खतरा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में पूरी दुनिया में करीब 20 लाख साइबर हमले हुए और इस वजह से 3,222 अरब रुपये का नुकसान हुआ।

साइबर अटैक भी कई तरीकों से किए जा रहे हैं जिनमें रैनसमवेयर तरीका सबसे टॉप पर है। आईटी कंपनी सिस्को ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि साल 2018-19 में भारत में सबसे ज्यादा बैंकिंग और फाइनेंस, प्रशासन और क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में साइबर अटैक हुए हैं। इन अटैक्स में शिकार हुई प्रत्येक कंपनी को करीब 35 करोड़ का नुकसान हुआ है।

इंटरनेट सोसाइटी की ऑनलाइन ट्रस्ट अलाइंस (ओटीए) ने हाल ही साइबर इंसिडेंट और ब्रीच ट्रेंड रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हैकर्स सबसे ज्यादा रैनसमवेयर अटैक्स कर रहे हैं और इस रैनसमवेयर अटैक के कारण ही वित्तीय सेक्टर को 60 फीसदी का चूना लगा है। वहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सप्लाई चेन अटैक, बिजनेस ईमेल कॉम्प्रोमाइज, फेक ईमेल, फिशिंग अटैक्स और क्लाउड अटैक सबसे ज्यादा हुए हैं। आइए जानते हैं इन साइबर अटैक्स के बारे में…

रैंसमवेयर अटैक
ओटीए की रिपोर्ट में कहा गया है कि रैंसमवेयर अटैक अपराधियों की पहली पसंद है और साल 2018 में इस अटैक से पूरी दुनिया में 6 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। रैंसमवेयर अटैक में हैकर्स यूजर्स का महत्वपूर्ण डाटा चुराते हैं और फिरौती के रूप में मोटे पैसे मांगते हैं। इंटरनेट सोसाइटी ऑनलाइन ट्रस्ट अलाइंस की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2021 तक रैंसमवेयर अटैक से 20 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है।

क्रिप्टोजैकिंग साइबर
क्रिप्टोजैकिंग साइबर अटैक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा है। एक तरह से यह क्रिप्टोमाइनिंग ही है। साइबर सिक्योरिटी फर्म ट्रेंड माइक्रो के मुताबिक साल 2018 में 10 लाख से अधिक क्रिप्टोजैकिंग अटैक हुए हैं। इसके तहत हैकर्स क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए किसी वेबसाइट और उसके सर्वर को हैक करते हैं।

फिशिंग अटैक
साइबर अटैक के लिए फिशिंग अटैक सबसे पुराना और आसान तरीका है। फिशिंग अटैक में ई-मेल आईडी को भी हैक किया जाता है। इसके लिए हैकर्स फर्जी और आपके दोस्तों के नाम से मिलते-जुलते ई-मेल भेजते हैं जिसमें वायरस वाले लिंक होते हैं।
साइबर हमलों से बचने के लिए आपको क्या करना चाहिए

सबसे पहले आपको बता दें कि आप मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हों या लैपटॉप। आप साइबर अटैक के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में आपके लिए बेहतर है कि अपने फोन में कोई थर्ड पार्टी एप इंस्टॉल ना करें। इसके अलावा ई-मेल या मैसेज के रूप में आए किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करें। साइबर अटैक से बचने का एक ही तरीका है और वह है सतर्कता।