यूपी टॉपर्स: टॉप करने के लिए जरूरी नहीं दिन रात पढ़ना,कांसेप्ट हो क्लियर

Bareilly Zone Education UP

बरेली।(www.arya-tv.com)  सफलता के लिए जरूरी नहीं कि दिन-रात पढ़ें, जितना पढ़ें, उसका कॉन्सेप्ट क्लीयर होना चाहिए। जिस विषय में कठिनाई महसूस हो, उसपर ज्यादा फोकस करें। नियमित स्कूल जाने के साथ ही वहां पढ़ाए गए अंश को घर पर दोहराएं। इसके जरिये सफलता आपके कदम चूमेगी। यह कहना है हाईस्कूल व इंटर के उन टॉपर्स का, जिन्होंने सेल्फ स्टडी और बेहतर प्लानिंग के जरिये इस बार अपनी सफलता का परचम लहराया है।

शनिवार को नतीजे आने के बाद कई मेधावियों ने अपने माता-पिता के साथ स्कूल पहुंच कर शिक्षकों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। साथ ही भविष्य की प्ला¨नग साझा की। सेना में अफसर बनने की चाहत मन लगाकर पढ़ाई व सेल्फ स्टडी के जरिये यह सफलता मिली है। मेरा घर भोजीपुरा में है, लेकिन वैभव नगर में किराए का मकान लेकर पढ़ाई करता था। रेगुलर स्कूल जाने के साथ ही शिक्षकों ने जो पढ़ाया, उसका घर पर रिवीजन करता रहा। अच्छे अंक पाने के लिए प्री-बोर्ड और बोर्ड परीक्षा के समय देर रात तक पढ़ाई की। गणित के सवालों को रोज अलग-अलग तरीके से हल करता था। पापा नत्थूराम किसान हैं। मां संगम का पूरा सहयोग मिला। आगे एनडीए की तैयारी करनी है। सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहता हूं।

मोहित गंगवार, 92.5 फीसद हाईस्कूल में स्थान: प्रथम हर विषय को दिया पर्याप्त समय बेहतर तैयारी के लिए आवश्यक है कि हर विषय को थोड़ा-थोड़ा समय दें। जिस विषय में कमजोर हैं, उसपर ज्यादा फोकस करें। मैंने टाइम टेबल तय कर रखा था। सुबह जल्दी उठकर पढ़ता था। पापा मुझे गणित पढ़ाते थे। इसमें मुझे 100 में से 98 अंक मिले हैं। कड़ी मेहनत की वजह से टॉप 10 में आने का मौका मिला।

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पढ़ाई के अलावा संगीत सुनने, नृत्य और घूमने का शौक है। भविष्य में सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी है। मेरे पापा मनोज कुमार सीबीगंज कॉलेज में शिक्षक हैं। मां सर्वेश कुमारी रस्तोगी गृहणी हैं। सजल रस्तोगी, 92 फीसद हाईस्कूल में स्थान: द्वितीय आइएएस बनकर देश सेवा की हसरत परीक्षा शुरू होने से काफी पहले ही कोर्स खत्म कर रिवीजन शुरू कर दिया था। समय निर्धारित कर हर विषय की पढ़ाई की। कठिन परिश्रम की वजह से यह सफलता मिली है। इसमें सेल्फ स्टडी का अहम रोल था। आगे आइएएस बनकर देश की सेवा करना चाहता हूं।

अभिषेक, 89.5 फीसद इंटरमीडिएट के मेधावियों से बातचीत आइएएस बनना जीवन का लक्ष्य हाईस्कूल में 86 फीसद अंक मिले थे। इसके बाद मैंने तय किया कि और मेहनत करनी है। रोजाना 10-12 घंटे की पढ़ाई के बाद यह सफलता मिली है। जो भी विषय पढ़ा, उसका रेगुलर रिवीजन किया। पापा शैलेंद्र शर्मा श्री लालता प्रसाद सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं। यहीं से मैंने अपनी पढ़ाई की है। पापा और अन्य गुरुजनों ने पूरा सहयोग किया। भविष्य में आइएएस बनकर देश की सेवा करना ही मेरा लक्ष्य है।

अनुराग शंखधार, 91.2 फीसद इंटरमीडिएट में स्थान: प्रथम देश की रक्षा के लिए सेना में जाने का लक्ष्य मेरे पापा सतेंद्र पाल किसान हैं। पिछले साल मेरी फीस जमा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। उन्होंने कर्ज लेकर फीस जमा की, लेकिन मेरी पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। मां सुनीता देवी ने भी पूरा ध्यान रखा। मैंने भी अच्छे नंबर लाने के लिए खूब मेहनत की। उसी का नतीजा है कि 90 फीसद अंकों के साथ जिले में दूसरा स्थान मिला है। इस सफलता में मेरे स्कूल श्री लालता प्रसाद सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के शिक्षकों का भी अहम रोल है। देश की रक्षा के लिए सेना में जाना ही मेरा लक्ष्य है।

धीरेंद्र कुमार, 90 फीसद इंटरमीडिएट में स्थान: द्वितीय करनी है सिविल सर्विसेज की तैयारी बोर्ड परीक्षा में अच्छे नंबर लाने के लिए हर विषय को रेगुलर पढ़ना चाहिए। जिस विषय में आपकी पकड़ अच्छी है, उसे थोड़ा कम समय देकर कमजोर विषय पर फोकस करना जरूरी है। मैंने तैयारी के साथ-साथ स्कूल के हर टेस्ट को गंभीरता से लिया। सेल्फ स्टडी के सहारे तैयारी की। जिसकी वजह से जिले में तीसरा स्थान मिला है। आगे सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का लक्ष्य है। सक्षम रस्तोगी, 89.2 फीसद इंटरमीडिएट में स्थान: तृतीय