मुफलिसी में गुजरी थी जिंदगी, अब मुआवजे में हाथ लगा खजाना, तो गांव वालो को दी दावत

Kanpur Zone UP

कानपुर(www.arya-tv.com) बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे ने न जाने कितनों की किस्मत रातोरात बदल दी। जमीन के बदले मिली रकम से वे मालामाल हो गए। कोई शानदार हवेली बनवा रहा तो कोई खुद और घरबार सुरक्षित रखने के लिए बड़ी रकम का बीमा करवा रहा। किसी ने शानदार मैरिजहाल तान दिया तो कोई बड़ी कार का मजा ले रहा।

बांदा जिले में मवई गांव के रामकिशोर सिंह ने मुख्य सड़क किनारे अपने शानदार गेस्टहाउस के उद्घाटन से एक दिन पहले कन्याभोज दिया तो पूरे गांव की बालिकाएं उमड़ पड़ीं। गांव में ई-रिक्शा लगवा दिए,  जिससे ससम्मान बालिकाओं को लाया गया। उन्हें लजीज भोजन के साथ दक्षिणा दी गई।

उद्घाटन समारोह के बाद पुत्र की वरीक्षा भी कर दी। पंचायत चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर गांव और मेहमान इकटठे कर अपनी ताकत भी दिखा दी। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए रामकिशोर की 11.5 बीघा जमीन सरकार ने ली और बदले में उन्हें तीन करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया।

रामकिशोर ने बताया कि उन्होंने 3 लाख रुपये की दर से गांव के पास 33 बीघा जमीन खरीद ली। गांव में नीलकंठ कुंज नाम से बेहतरीन गेस्टहाउस बनवाया है। दो बेटों में एक गुरुग्राम में नौकरी तो दूसरा गांव में किसानी करता है। छोटे बेटे की शादी तय कर दी। बीते 11 मार्च को वरीक्षा में पूरे गांव के साथ नेताओं और अधिकारियों को भी आमंत्रित किया।

लजीज भोजन और उपहार भी। पहले से रईस रामकिशोर का खजाना मुआवजे से और बढ़ गया। दो कारें और बाइकें हैं। पत्नी प्रधान है। इस बार वह खुद चुनाव लड़ेंगे। तीन बार से उनके घर से प्रधान चुना जा रहा है। पंचायत चुनाव से पहले बड़ी भीड़ जुटाने का समारोह एक जरिया बना।

मवई गांव के योगेंद्र सिंह को 10 बीघा जमीन के बदले 3.5 करोड़ रुपये मुआवजा मिला तो उनके परिवार की दशा बदल गई। योगेंद्र के एक और भाई हैं जिन्हें चलने में दिक्कत होती है, पर अब उन्हें जीविका की चिंता नहीं। पास ही पांच लाख प्रति बीघा के हिसाब से 20 बीघा जमीन खरीद ली।

बड़ी रकम का बीमा करवा लिया। एक करोड़ से ज्यादा मकान बनवाने में खर्च कर दिए। पत्थर, टाइल्स और साज-सज्जा का हर सामान। घर का सपना पूरा किया। बहुत परेशान थे, अब बिल्कुल मस्त रहते हैं। इसी तरह मवई गांव के 50 से अधिक लोगों को मुआवजे की रकम मिली तो उनके दिन बहुर गए। एक किसान को एक करोड़ मिले तो वह भावुक हो गए और अतीत में अपनी गरीबी की व्यथा बताते रो पड़े।

बताया कि भगवान की कृपा है

मेरे पास कुछ पुश्तैनी संपत्ति थी, कुछ मेहनत से बनाई और अब सरकार ने जमीन के बदले अच्छा मुआवजा दिया। इससे कुछ जमीन खरीद ली, कुछ गेस्टहाउस पर लगा दिया। एक क्रेटा कार भी खरीद ली। – रामकिशोर, मवई

दुख भरे दिन बीते

भाई असहाय है तो बड़ी समस्या थी। घर का सारा बोझ उन पर ही था। अब सब ठीक हो गया। अच्छा पक्का शानदार मकान हो गया, बीमा करवा लिया तो बाल-बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो गया। – योगेंद्र सिंह, मवई गांव (बांदा)