गोमतीनगर में चल रहे दर्जनों बार और क्लब बने लोगों के लिए मुसीबत

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(www.arya-tv.com)  सरकार एक तरफ ध्वनि प्रदूषण के नाम पर किसी मांगलिक कार्यक्रम में लाउडस्पीकर बजाने पर कार्रवाई कर रही है। दूसरी ओर राजस्व कमाने के लिए नाइट क्लब और बार मे रात में दो बजे तक कानफोड़ू DJ बजाने का लाइसेंस दे रही है। लखनऊ के गोमतीनगर में एक ही बिल्डिंग में चल रहे दर्जनों बार और क्लब लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं।

 रात 2 बजे तक शराब परोसने का लाइसेंस

लखनऊ के सबसे VIP इलाके गोमतीनगर के विभूतिखंड में शहीद पथ से सटी समिट बिल्डिंग है। 15 मंजिल की इस बिल्डिंग में 46 क्लब और बार हैं। इन्हें आबकारी विभाग ने रात 2 बजे तक शराब परोसने का लाइसेंस दे रखा है। इसके अलावा 30 से ज्यादा ऐसे रेस्टोरेंट हैं जहाँ बिना लाइसेंस के ही शराब पिलाई जाती है। बार और नाइट क्लब में शराब पिलाने के साथ DJ बजते हैं। इस बिल्डिंग के एक किलोमीटर की परिध में 10 से ज्यादा रेजिडेंशियल अपार्टमेंट हैं। बिल्डिंग में रहने वालों का कहना है कि क्लबों के शोरगुल से वह देर रात तक अपने घर मे सो नही पाते हैं।

500 मीटर दूर विभूतिखंड थाना, नही सुनी जाती शिकायत

इस समिट बिल्डिंग से महज 500 मीटर दूर विभूतिखंड थाना है। लोगों का कहना है कि रात भर DJ बजने की शिकायत करने पर पुलिस कहती है कि आबकारी विभाग ने शुल्क लेकर लाइसेंस दिया है। इसलिए पुलिस न तो शराब पिलाने पर रोक लगा सकती है, न ही DJ बजाने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इतना ही नही नशे में धुत होकर बिल्डिंग से बाहर निकलने वाले यहाँ रहने वालों से आये दिन विवाद भी करते रहते हैं। लेकिन इसपर भी पुलिस किसी तरह की कार्रवाई नही करती है। लोगों का कहना है कि हर बार और क्लब से पुलिस को महीने का पैसा मिलता है। इसलिए शिकायत पर कोई सुनवाई नही होती है।

 ध्वनि का मानक निर्धारित है, नही बज सकता DJ

नियम के मुताबिक अलग-अलग क्षेत्रों के लिये ध्वनि का मानक निर्धारित किया गया है। शैक्षिक संस्थाओं के आसपास कम से कम 100 मीटर क्षेत्र को साइलेंस जोन घोषित किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र के लिये सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक 75 डेसिबल, 10 बजे से सुबह 6 बजे तक 70 डेसिवल का मानक निर्धारित है। इसी तरह व्यावसायिक क्षेत्र के लिये दिन में 65 और रात में 55 डेसिवल ध्वनि का मानक निर्धारित है। आवासीय क्षेत्र के लिए दिन में 55 और रात्रि में 45 डेसिवल व साइलेंस जोन के लिये दिन में 50, रात में 40 डेसिवल तक ही आवाज का मानक तय है।

रोक लगाना जिला प्रशासन के कार्यक्षेत्र का मामला

दरअसल बार और क्लब को सिर्फ शराब पिलाने का लाइसेंस मिलता है। लेकिन लोग देर रात तक झूमते रहे इसके लिए क्लब और बार मे DJ का इंतजाम रहता है। आबकारी आयुक्त सेंथिल सी पांडियन का कहना है कि क्लब और बार मे सिर्फ शराब पिलाने का लाइसेंस दिया गया है। उनके मुताबिक मॉडल शॉप को रात 10 बजे तक ही शराब बेचने की अनुमति है। बंद एरिया में बार में 12 बजे तक शराब पिलाई जा सकती है। इसके बाद 1.5 लाख रुपये अतरिक्त जमा करने पर रात एक बजे तक पिलाने का लाइसेंस दिया जाता है। 2.5 लाख रुपए जमा करने पर रात 2 बजे तक शराब पिलाने लाइसेंस दिया जाता है। उनका कहना है कि बार या क्लब में DJ पर रोक लगाना जिला प्रशासन के कार्यक्षेत्र का मामला है।