असम में बोले पीएम मोदी- वे डंडे मारने की बात करते हैं, मेरे सुरक्षा कवच…!

# ## National

असम के कोकराझार में आज उत्सव जैसा माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोडो समझौते पर हस्ताक्षर का जश्न मनाने के लिए यहां पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी का पारंपरिक नृत्य के साथ जोरदार स्वागत किया गया। पीएम मोदी अभी कोकराझार में जनसभा को संबोधित कर रहे हैं।

असम के साथियों को आश्वस्त करने आया हूं
मैं आज असम के साथियों को आश्वस्त करने आया हूं कि असम विरोधी, देश विरोधी हर मानसिकता और इसके समर्थकों को देश न बर्दाश्त करेगा और न माफ करेगा। यही ताकतें हैं जो पूरी ताकत से असम और नॉर्थ ईस्ट में भी अफवाहें फैला रही हैं कि सीएए से यहां बाहर के लोग आ जाएंगे, बाहर से लोग आकर बस जाएंगे। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि ऐसा भी कुछ नहीं होगा।

अलगाव अब लगाव में तब्दील
समझौते से अलगाव, लगाव में बदला है। जिस नॉर्थ ईस्ट में हिंसा की वजह से हजारों लोग अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए थे, अब यहां उन लोगों को पूरे सम्मान और मर्यादा के साथ बसने की नई सुविधाएं दी जा रही हैं। किसी ने पूर्वोत्तर की समस्याओं का समाधान नहीं किया और अशांति को जारी रहने दिया, इस वजह से क्षेत्र के लोग अलग-थलग हो गए और उन्होंने संविधान में विश्वास खो दिया।

एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना मजबूत हुई
पहले नॉर्थ ईस्ट में उद्यमी निवेश के लिए तैयार नहीं होता था, वहां निवेश शुरू हुआ है। जिस नॉर्थ ईस्ट में अपने-अपने होमलैंड को लेकर हिंसा होती थीं, अब यहां एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना मजबूत हुई है। ब्रू-रियांग समुदाय को बसाने के लिए एक विशेष पैकेज दिया जाएगा।

ब्रू-रियांग समुदाय का संकट का एक ऐतिहासिक समझौते से कुछ दिन पहले ही समाधान किया गया था। इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हजारों परिवारों के पास अपने घर होंगे। यह पीछले ढाई दशकों से चली आ रही समस्या का अंत लाएगा।

देश मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का समाधान चाहता है
बोडो टेरिटोरियल काउंसिल, असम सरकार और केंद्र सरकार, अब साथ मिलकर, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को नया आयाम देंगे। इससे असम भी सशक्त होगा और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना भी और मजबूत होगी। 21वीं सदी का भारत अब ये दृढ़ निश्चय कर चुका है कि हमें अब अतीत की समस्याओं से उलझकर नहीं रहना है। आज देश मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का समाधान चाहता है।

विकास का एक नया मॉडल विकसित होगा
अकॉर्ड के तहत बीटीएडी में आने वाले क्षेत्र की सीमा तय करने के लिए कमीशन भी बनाया जाएगा। इस क्षेत्र को 1500 करोड़ रुपये का स्पेशल डेवलपमेंट पैकेज मिलेगा, जिसका बहुत बड़ा लाभ कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदालगुड़ि जैसे जिलों को मिलेगा।

आज जब बोडो क्षेत्र में, नई उम्मीदों, नए सपनों, नए हौसले का संचार हुआ है, तो आप सभी की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। मुझे पूरा विश्वास है कि ‘बोडो टेरीटोरियल कॉउंसिल’ अब यहां के हर समाज को साथ लेकर, विकास का एक नया मॉडल विकसित करेगी।

1500 करोड़ रुपये का स्पेशल विकास पैकेज मिलेगा
समझौते में इस क्षेत्र को 1500 करोड़ रुपये का स्पेशल विकास पैकेज मिलेगा। इससे बोडो जनजाति के हर अधिकार, भाषा, संस्कृति का विकास सुनिश्चित होगा। बोडो टेरिटेरियल काउंसिल का दायरा बढ़ाकर अधिक सशक्त किया गया है। इस समझौते में सबकी जीत हुई है, शांति की जीत हुई है, मानवता की जीत हुई है।

विकास पहली और आखिरी प्राथमिकता
अब केंद्र सरकार, असम सरकार और बोडो आंदोलन से जुड़े संगठनों ने जिस ऐतिहासिक अकॉर्ड पर सहमति जताई है, जिस पर साइन किया है, उसके बाद अब कोई मांग नहीं बची है और अब विकास ही पहली और आखिरी प्राथमिकता है।

अब सरकार का प्रयास है कि असम अकॉर्ड की धारा-6 को भी जल्द से जल्द लागू किया जाए। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस मामले से जुड़ी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र सरकार और त्वरित गति से कार्रवाई करेगी।

असम में शांति का अध्याय शुरू
गांधी जी कहते थे कि अहिंसा के मार्ग पर चलकर हमें जो भी प्राप्त होता है वो सभी को स्वीकार होता है। अब असम में अनेक साथियों ने शांति और अहिंसा का मार्ग स्वीकार करने के साथ ही, लोकतंत्र और भारत के संविधान को स्वीकार किया है।

आज का दिन संकल्प का है
आज का दिन, इस समझौते में बहुत सकारात्मक भूमिका निभाने वाले ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड से जुड़े सभी युवा साथियों, बीटीसी के चीफ हगरामा माहीलारे और असम सरकार की प्रतिबद्धता को अभिनंदन करने का दिन है। आज का दिन संकल्प लेने का है कि विकास और विश्वास की मुख्य धारा को मजबूत करना है। अब हिंसा के अंधकार को इस धरती पर लौटने नहीं देना है।

आज का दिन पूर्वोत्तर के लिए अहम
जिस मोदी को इतनी बड़ी मात्रा में माताओं-बहनों का सुरक्षा कवच मिला हो उस पर कितने ही डंडे गिर जाएं उसको कुछ नहीं होता। आज शहीदों को याद करने का दिन है। आज का दिन पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए एक नई शुरुआत, एक नया सवेरा और एक नई प्रेरणा का स्वागत करने का दिन है। आज का दिन उपेन्द्र नाथ और रूप नाथ ब्रम्हा को याद करने और उनके प्रति हमारे सम्मान का भुगतान करने का दिन है।

आपकी मदद और इच्छाशक्ति के कारण ही स्थाई शांति का मार्ग खुला है। यह 21 वीं सदी का स्वागत करने के लिए असम और पूरे पूर्वोत्तर के लिए एक नया अवसर और एक नई सुबह है।

कोकराझार में पीएम मोदी जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने जनसभा की शुरुआत स्थानीय भाषा के साथ की। इसके बाद उन्होंने राहुल गांधी के डंडे मारने वाले बयान का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर तंज कसा। पीएम मोदी ने कहा कि विरोधी डंडा मारने की बात करते हैं, लेकिन मुझे भारत की मांओं का आशीर्वाद मिला हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोकराझार पहुंच गए हैं। यहां थोड़ी देर में जनसभा को संबोधित करेंगे। कोकराझार पहुंचने पर पीएम मोदी का पारंपरिक नृत्य के साथ स्वागत किया गया।

गुवाहाटी पहुंचे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुवाहाटी पहुंच गए हैं। यहां से वे थोड़ी देर में कोकराझार के लिए निकलेंगे।

समारोह स्थल पर लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी
कोकराझार में पीएम मोदी से सभा स्थल पर बड़ी संख्या में लोगों का पहुंचना जारी है। बोड़ो समझौते को लेकर लोगों ने खुशी जताई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को असम में कोकराझार का दौरा करेंगे जहां वह बोडो समझौते पर हस्ताक्षर होने का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। गत दिसम्बर में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन शुरू होने के बाद से यह प्रधानमंत्री का पहला पूर्वोत्तर दौरा होगा। बताया जा रहा है कि दोपहर साढ़े बारह बजे पीएम मोदी कोकराझार में एक रैली को भी संबोधित करेंगे। पीएम मोदी के स्वागत को लेकर यहां जबरदस्त तैयारियां की गई हैं। इस दौरान यहां कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।

लाखों दीयों से जगमगाया कोकराझार
गुरुवार को कोकराझार में पीएम के आगमन को लेकर लाखों की संख्या में दीये जलाए गए थे। पूरे शहर में उत्सव का माहौल है। पीएम के स्वागत को लेकर शहर में बड़े-बड़े होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए हैं। बोडो समझौते को लेकर स्थानीय लोगों ने खुशी का इजहार भी किया।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा यह
उन्होंने एक ट्वीट किया, ‘कल मैं असम में दौरे को लेकर उत्सुक हूं। मैं एक जनसभा को संबोधित करने के लिए कोकराझार में रहूंगा। हम बोडो समझौते पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किये जाने का जश्न मनाएंगे जिससे दशकों की समस्या का अंत होगा। यह शांति और प्रगति के नये युग की शुरूआत का प्रतीक होगा।’

बोडो समझौते पर हस्ताक्षर 27 जनवरी को सरकार द्वारा नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के चार धड़ों, आल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन और एक नागरिक समाज समूह के साथ किया गया था। इसका उद्देश्य असम के बोडो बहुल क्षेत्रों में दीर्घकालिक शांति लाना है। प्रधानमंत्री ने हाल के एक ट्वीट में हस्ताक्षर वाले दिन को ‘भारत का एक बहुत खास दिन बताया था’’ और कहा था कि यह बोडो लोगों के लिए परिवर्तनकारी परिणाम लाएगा। समझौते पर हस्ताक्षर होने के दो दिनों में एनडीएफबी के विभिन्न धड़ों के 1615 से अधिक सदस्यों ने अपने हथियार सौंप दिये थे और मुख्यधारा में शामिल हो गए थे।

मोदी और शिंजो आबे के बीच गुवाहाटी में होनी थी शिखर वार्ता
मोदी ने अपने नवीनतम रेडियो संबोधन कार्यक्रम ‘मन की बात’ में अपील की थी कि जो भी हिंसा के मार्ग पर हैं वे मुख्यधारा में लौट आयें और अपने हथियार डाल दें। मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच एक शिखर बैठक गत दिसम्बर में गुवाहाटी में होनी थी लेकिन सीएए विरोधी प्रदर्शनों के चलते उसे रद्द कर दिया गया था। मोदी को हाल में गुवाहाटी में सम्पन्न ‘खेलो इंडिया’ खेलों के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन वह उसमें शामिल नहीं हुए।

क्या है बोडो लैंड विवाद
बोडो, असम का सबसे बड़ा आदिवासी समुदाय है जो राज्य की कुल जनसंख्या का लगभग 6 प्रतिशत है। लंबे अरसे तक असम के बड़े हिस्से पर बोडो आदिवासियों का नियंत्रण रहा है। असम के चार जिलों कोकराझार, बाक्सा, उदालगुरी और चिरांग को मिलाकर बोडो टेरिटोरिअल एरिया डिस्ट्रिक्ट को गठित किया गया है। बोडो समुदाय ने वर्ष 1966 में अलग बोडोलैंड बनाए जाने की मांग की थी।

यह है समझौता
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह समझौता असम के बोडो आदिवासियों को राजनीतिक अधिकार के साथ आर्थिक पैकेज मुहैया कराएगा। असम की क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रखी जाएगी। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि समझौता राज्य के विभाजन के बिना संविधान की रूपरेखा के अंदर किया गया है। गृहमंत्री समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने को लेकर बहुत उत्सुक थे ताकि असम में बोडो उग्रवाद समाप्त किया जा सके।