जीका वायरस की आहट से सहमा उत्तर प्रदेश:जानिए क्या कहते है एक्सपर्ट

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(www.arya-tv.com)यूपी के कानपुर में जीका वायरस का मरीज पाएं जाने के बाद से हड़कंप मचा है। शासन भी इसको लेकर अलर्ट मोड़ में दिख रहा है। सप्ताह के शुरुआत में ही सभी 75 जनपदों में इसको लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। इस बीच सोमवार को थोड़ी राहत भरी खबर तब आई जब KGMU भेजें गए सभी 22 सैंपल नेगेटिव आएं है। बहरहाल जीका वायरस का रोगी मिलने पर पूरे इलाके की मैपिंग करने के निर्देश जारी हुए है। इस मैपिंग को 3 लेयर कैटेगरी में लागू करने की हिदायत दी गई है।

कोई अन्य केस नही मिला

डीजी मेडिकल हेल्थ डा. वेदव्रत सिंह ने बताया कि वेक्टर बोर्न डिजीज को लेकर पहले से ही सतर्कता बरती जा रही है। अभी विशेष फोकस कानपुर में है।यहां 3 लेयर ट्रेसिंग के निर्देश जारी हुए है। पुणे की लैब में सैंपल के पॉजिटिव आने के बाद पहले 400 मीटर फिर 1 किमी व और फिर 3 किमी रेडियस में मैपिंग किया जा रहा है। राहत की बात है कि अभी तक कोई अन्य केस नही मिला है। इसके साथ ही अन्य जिलों में भी निर्देश जारी करके RRT यानी रैपिड रिस्पांस टीम के जरिए ग्राउंड पर एक्टिव रहने को कहां गया है। फिलहाल प्रदेश में जीका वायरस की टेस्टिंग की सुविधा यूपी में केवल KGMU लखनऊ में है।

राज्य में अलर्ट जारी 

जीका वायरस के रोगी मिलने के बाद से ही राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है। गैर प्रांतों से आने वाले मरीजों को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है। फिलहाल राजस्थान व केरल में जीका के मामलें पाएं गए है। यही कारण है कि इन दोनों ही प्रदेशों से आ रहे लोगों की सैंपल टेस्टिंग कराई जा रही है। अस्पतालों में भी पर्याप्त इंतजाम करने को भी कहां गया है। इसके अलावा विदेश यात्रा खासकर अफ्रीकी देशों से आने वालों पर भी पैनी नजर रखने की निर्देश जारी हुए है। संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे।

अफ्रीका का एंडेमिक है जीका वायरस

जीका वायरस पर KGMU कुलपति डॉ विपिन पुरी ने बताया कि यह वायरस भी मच्छर के काटने से ही फैलता है, इसीलिए डेंगू व मलेरिया से बचाव के उपचार ही इस पर भी लागू है। मच्छर को पनपने से रोकना होगा। हर प्रेग्नेंट लेडी को सतर्कता बरतनी होगी। यह वायरस दुनिया के लिए नया नही है, अफ्रीका में इसका ओरिजिनेशन माना गया है। हां, भारत के लिए इसे नया कहां जा सकता है। प्रदेश में अभी एक ही केस पाया गया है। इसके अलावा अन्य 22 सैंपल KGMU की लैब में टेस्ट करने के बाद नेगेटिव पाएं गए है। पैनिक करने की जरुरत नही है पर जागरुकता बेहद जरुरी है।वायरस संक्रमित एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से यह वायरस फैलता है। जीका वायरस से पीड़ित मरीज को तेज बुखार, शरीर पर लाल रंग के दाने, आंखों में जलन और मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होता है। आम तौर पर 3 दिन से 2 सप्ताह के अंदर इसके लक्षण दिखने लगते हैं।