बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद एवं शिक्षा शास्त्र विभाग, बीबीएयू के संयुक्त तत्वाधान में “उत्तर प्रदेश में बालिकाओं को बचाने, शिक्षित करने और सशक्त बनाने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की प्रभावशीलता का विश्लेषण” विषय पर परिणाम प्रसार कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो० एस० विक्टर बाबू ने की। इसके अतिरिक्त मंच पर इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के लखनऊ केंद्र की वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ० मनोरमा सिंह, बप्पा श्री नारायण वोकेशनल पीजी कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग के प्रो० जयशंकर पांडे, लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रो० एम. के. अग्रवाल, आईक्यूएसी डायरेक्टर प्रो० राम चंद्रा, डॉ० राज शरण शाही एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ० सुभाष मिश्रा मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से अतिथियों एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम डॉ० राज शरण शाही ने सभी को अतिथियों के परिचय से अवगत कराया। इसके पश्चात प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ० सुभाष मिश्रा ने सभी को कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूपरेखा से अवगत कराया।
डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो० एस० विक्टर बाबू ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि हमें समाज में महिला को जमीनी स्तर पर भी देवी का दर्जा देना चाहिए। इसके अतिरिक्त बेटे एवं बेटियों को समान अधिकार देने होंगे तभी यह समाज प्रगति करेगा। इस बदलाव की पहल की शुरुआत हमें सबसे पहले खुद से करनी होगी।
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के लखनऊ केंद्र की वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ० मनोरमा सिंह ने चर्चा के दौरान कहा कि हमें समाज में बेटियों को अबला, बेचारी की जगह एक आइडियल के तौर पर पेश करना होगा। इसके अतिरिक्त यह योजना सरकार की बालिकाओं के लिए सबसे अच्छी योजना है तथा समाज के निर्माण में बेटियों की भागदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है और महिलाओं के उत्थान हेतु पुरुषों की सहभागिता भी अत्यंत आवश्यक है।
बप्पा श्री नारायण वोकेशनल पीजी कॉलेज के प्रो० जयशंकर पांडे ने अपने विचार रखते हुए कहा, कि पुरुष प्रधान कहे जाने वाले इस देश में अब लड़कियां अपने मुकाम के काफी करीब पहुंच चुकी हैं। दूसरी ओर कि बालकों का पंचकोशिय विकास अत्यंत आवश्यक है जो सिर्फ मां के द्वारा ही संभव है। अतः ये आवश्यक है की महिलाओं की शिक्षा एवं उनकी प्रगति पर विशेष ध्यान दिया जाए।
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो० एम. के. अग्रवाल ने कहा कि मोदी सरकार बालिकाओं के लिए बहुत प्रयास कर रही है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए एक अच्छी योजना है। उन्होंने कहा कि इस तरह के शोध कार्य समाज में सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।
आईक्यूएसी डायरेक्टर प्रो० राम चंद्रा ने बताया कि शिक्षा को महत्वपूर्ण बनाने के लिए विज्ञान, इतिहास, समाजशास्त्र को एक साथ आना होगा। सतत विकास की प्रक्रिया में शिक्षा महत्वपूर्ण है। स्त्रियों की भागीदारी समाज में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कार्यशाला के दौरान इस योजना के संदर्भ में विचार मंथन किया गया एवं हित धारकों के द्वारा दिए गए फीडबैक पर विमर्श किया गया। इसके पश्चात बैदही वेलफेयर फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ० रूबी राज सिन्हा ने बेटियों की शिक्षा पर विचार प्रकट किए । सामाजिक कार्यकर्ता एवं लेखिका सुश्री रेखा बोरा ने बेटियों के सम्मान में कविता का पाठन किया जो बालिकाओं की शिक्षा एवम उनके विकास को समर्पित थी। साथ ही पॉवर विंग्स फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती सुमन रावत ने बालिकाओ के सेल्फ डिफेन्स में सक्षम होने के महत्व पर प्रकाश डाला।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन का कार्य डॉ० विवेक नाथ त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष , विभागाध्यक्ष , प्रतिभागी, शोधार्थी एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।