वायरल ​वीडियों के सहारे पुलिस ने आचार सहिंता का उल्लंघन करते हुए पकड़कर लिखा मुकदमा

Prayagraj Zone

(www.arya-tv.com) इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने वाली वीडियो इस समय पुलिस के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहे हैं। चुनाव में तो पुलिस को इसका बड़ा सहारा मिला है। तीन दिन में इसी इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर तीन मामले आचार संहिता उल्लंघन के दर्ज किए गए हैं।

साक्ष्य के तौर पर भी पुलिस प्रयोग करेगी ये वीडियो

इतना ही नहीं, इसी वायरल वीडियाे को पुलिस ने साक्ष्य के रूप में एकत्र भी किया है। यही वजह है कि पुलिस अफसरों ने साइबर सेल को अलर्ट कर रखा है। इसमें प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जो इंटरनेट के बारे में विशेष जानकारी रखते हैं। इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने वाले संदेशों और वीडियो पर इनकी पैनी नजर होती है। जैसे ही कोई आपत्तिजनक वीडियो और संदेश जारी होता है, तत्काल उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी जाती है और फिर कार्रवाई शुरू होती है।

तीन दिन पहले इंटरनेट मीडिया पर एक पार्टी के कार्यकर्ताओं को रुपये बांटते हुए वीडियो वायरल हुआ। पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि मामला हंडिया विधानसभा क्षेत्र के लाला बाजार का है। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की तो मालूम हुआ कि यहीं पर पार्टी कार्यकर्ताओं को रुपये बांटे जा रहे थे। बाद में इसी वायरल वीडियो को आधार बनाते हुए पुलिस ने तीन के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज किया था।

नवाबगंज के घाटमपुर गांव में कोटेदार द्वारा गले में एक राजनीतिक दल का चुनाव चिह्न अंकित गमछा बांधकर राशन वितरित करते हुए वीडियो वायरल हुआ। मामला अफसरों के संज्ञान में पहुंचा तो नवाबगंज पुलिस को मौके पर भेजा गया। पुलिस जब पहुंची तो मामला सही पाया गया। वायरल वीडियो को आधार बनाया गया और फिर कोटेदार के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन करने की धारा में नामजद कर दिया गया।

धूमनगंज में बिजली के एक खंभे में एक राजनीतिक दल का झंडा लगा दिया गया। किसी की नजर इस पर पड़ी तो उसने इसकी वीडियो बना ली। इसके बाद से इंटरनेट पर वायरल कर दिया। बताया गया कि झंडा धूमनगंज में लगा है। पुलिस ने खंभों की तलाश शुरू की और फिर वहीं पहुंच गई, जहां का वीडियो वायरल हुआ था। झंडे को हटवाया गया और फिर अज्ञात के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन में मुकदमा दर्ज किया गया।

ये कहा एसएसपी ने

इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने वाले संदेशों और वीडियो को लेकर साइबर सेल की टीम को विशेष निर्देश दिए गए हैं। सभी संदेशों और वीडियो को देखा जाता है। इसमें कहीं भी आचार संहिता उल्लंघन का मामला पाया जाता है तो तत्काल रिपोर्ट दर्ज की जाती है।