कुंडा-प्रतापगढ़ राजघराने के उदय सिंह ने ली ज्ञानवापी की कमान: कहा- बिकने नहीं देंगेज्ञानवापी

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(www.arya-tv.com)  ज्ञानवापी केस छोड़ने और राखी सिंह की इच्छामृत्यु वाले के एलान के बाद अब विसेन परिवार ने नया शिगूफा छोड़ा है। विश्व वैदिक सनातन संघ के संस्थापक जितेंद्र सिंह ‘विसेन’ ने अपने सभी मामलों का पैरोकार कुंडा-प्रतापगढ़ राजघराने के बड़े राजा और राजा भईया के पिता उदय प्रताप सिंह को घोषित कर दिया है। दिल्ली में विसेन के आवास पर जाकर उदय प्रताप सिंह ने परिवार से मुलाकात कर ज्ञानवापी प्रकरण पर करीब 2 घंटे तक चर्चा की। उदय प्रताप आज भी वहीं पर हैं और कहा कि ज्ञानवापी केस को मजबूती के लिए जिला कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को मिलाकर 65 विद्वान वकीलों की टीम तय की जाएगी।

उदय प्रताप ने कहा कि ज्ञानवापी का मुकदमा हिंदुओं के पक्ष में आए, इसके लिए हर उचित कदम उठाए जाएंगे। किसी को ज्ञानवापी न तो बेचने दिया जाएगा और न ही सनातनी हिंदुओं की भावना से किसी प्रकार का खिलवाड़ करने दिया जाएगा। उदय प्रताप सिंह ने कहा कि सनातनी हिंदू समाज सतर्क रहे। जिससे सनातनी समाज में मुखौटे में छुपे गद्दारों पर अंकुश लगाते हुए इस्लामिक कलंको से छुटकारा पाया जा सके।

इस तरह तैयार होगी 65 वकीलों की टीम

उदय प्रताप और जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा कि ज्ञानवापी प्रकरण को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए वाराणसी जिला न्यायालय में विसेन परिवार की ओर से लगभग 46 विद्वान अधिवक्ताओं की टीम निश्चित की जाएगी। इसी के साथ यह भी निर्णय लिया गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए भी एक बड़ी विद्वान अधिवक्ताओं की टीम सुनिश्चित होगी।

जितेंद्र सिंह ने कहा कि ज्ञानवापी प्रकरण को सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से रखने के लिए देश के 3 बड़े वरिष्ठ अधिवक्ता और उनके सहयोगी के रूप में एक बड़ी विद्वान अधिवक्ताओं की टीम सुनिश्चित होगी। कुल मिलाकर लगभग 65 विद्वान अधिवक्ताओं की टीम सुनिश्चित की जा रही है। इसमें कई प्रमुख नाम विद्वान अधिवक्ताओं की सहमति मिलने के बाद उनके नाम सुनिश्चित सुनिश्चित किए जा चुके हैं। वहीं, कुछ अन्य नामों का भी चयन हो रहा है। अधिवक्ताओं के नामों की घोषणा जुलाई में न्यायालय खुलने से पहले कर दी जाएगी।

विसेन परिवार द्वारा हर रोज नए-नए एलान

ज्ञानवापी मामले को लेकर बीते कुछ दिनों से विसेन परिवार की ओर से नए-नए एलान किए जा रहे थे। पहले सभी केस से हटने की फैसला लिया गया। इसके बाद जितेंद्र विसेन की भतीजी और श्रृंगार गौरी पूजा मामले की मुख्य वादिनी राखी सिंह ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी। आज सुबह 9 बजे तक राखी सिंह ने समय मांगा था। मगर, इससे पहले कुंडा-प्रतापगढ़ के राजघराने से जुड़े उदय प्रताप सिंह उनके घर पहुंचे और ज्ञानवापी केस को अपने हाथ में लेने का फैसला लिया। अब राखी सिंह ने अपने इच्छामृत्यु का प्लान रद्द कर दिया है।

7 केसों को क्लब करने बाद बिगड़ा मामला

ज्ञानवापी मामले को लेकर जितेंद्र सिंह ‘विसेन’ उनकी पत्नी किरन सिंह और भतीजी राखी सिंह की ओर से कई केसेज चल रहे हैं। ज्ञानवापी के एक जैसे 7 केसों को क्लब करने वाले वाराणसी जिला जज के आदेश बाद से विसेन परिवार काफी नाराज है। उनका कहना है कि सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई से हिंदू पक्षों का नुकसान होगा। श्रृंगार गौरी पूजा से जुड़े मसलों पर सुनवाई तो होगी, मगर जमीन कभी भी हिंदुओं को नहीं मिल पाएगी। इस वजह से विसेन ने ज्ञानवापी केसों को छाेड़ने का एलान कर दिया।