क्यों अचानक बढ़ने लगे कोरोना के मामले? एक्सपर्ट ने बताई ये वजह, नए वैरिएंट को लेकर भी दी सलाह

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(www.arya-tv.com) राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश में कोरोना के मामलों में इजाफा इसलिए देखा जा रहा है, क्योंकि फिर से कोविड जांच की संख्या बढ़ा दी गई है। अभी जितनी ज्यादा आरटीपीसीआर जांच की जाएगी, कोविड के मामलों में इजाफा होगा।

इसलिए, इस बात को लेकर पैनिक न हों कि कोरोना तेजी से फैल रहा है। जब तक संक्रमित लोगों में बीमारी गंभीर नहीं देखी जाती है, तब तक चिंता की कोई बात नहीं है। अभी जो संक्रमण फैल रहा है, उसमें ओमिक्रॉन का एक नया सब वेरिएंट JN.1 भी देखा जा रहा है।

कोरोना टेस्टिंग बढ़ने की वजह से आ रहे ज्यादा केस

पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. चंद्रकांत लहारिया ने कहा कि अभी कोरोना के मामलों में इजाफा टेस्ट बढ़ जाने की वजह से हो रहा है। हो सकता है कि आने वाले समय में ज्यादा संक्रमण इस नए वेरिएंट का ही हो, लेकिन इसके क्लिनिकल आउटकम में बदलाव नहीं है।

पिछले कुछ महीनों से दिल्ली में भी मामले नहीं थे, लेकिन अब जब से आरटीपीसीआर जांच में तेजी लाई गई है, नए मामले बढ़ रहे हैं। अगर जांच की संख्या और बढ़ा दी जाए तो यह नंबर भी बढ़ जाएंगे। इसलिए पैनिक वाली बात नहीं है, क्योंकि संख्या जितनी भी बढ़ जाए, इस वेरिएंट में गंभीर बीमारी की क्षमता नहीं देखी जा रही है।

JN.1 बहुत ही माइल्ड है

सफदरजंग अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसिन के एचओडी डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि यह ओमिक्रॉन का ही नया सब वेरिएंट है। यह पहले से फैले हुए वेरिएंट से ही मिलता जुलता है।

अभी तक यह बहुत माइल्ड देखा जा रहा है। इससे खांसी जुकाम हो रहा है। जांच करेंगे तो हो सकता है पॉजिटिव मिले, लेकिन यह खतरनाक नहीं है। मौत का खतरा कम है। अभी जितने टेस्ट करेंगे, पॉजिटिव आएंगे।

घबराने वाली बात नहीं है। सर्दी के दिनों में वैसे भी बाकी वायरस एक्टिव हो जाते हैं। इसलिए अलर्ट रहना चाहिए, बचाव के तरीके अपनाने चाहिए।

मौत कोविड से नहीं, बल्कि मरीज की बीमारी से हो रही है

दरअसल, जब नया संक्रमण फैलता है, तो हर किसी को संक्रमण होने का खतरा रहता है। ऐसे में जो लोग कैंसर, हार्ट, लिवरी फेल, किडनी फेल जैसी गंभीर बीमारी की वजह से अस्पताल में एडमिट हैं, उन्हें खतरा ज्यादा रहता है।

हो सकता है कि उनकी मौत अपनी बीमारी की वजह से हुई हो, लेकिन जांच में अगर मरीज कोविड पॉजिटिव पाए जाते हैं, तो उन मौतों को कोविड से होने वाली मौत में शामिल कर दिया जाता है। अभी जो मौत के मामले आ रहे हैं, उसी वजह से है।

RTPCR कोविड बताता है ना कि JN.1 का संक्रमण

आरटीपीसीआर टेस्ट से कोविड का पता चलता है। संक्रमण है तो पॉजिटिव, नहीं तो निगेटिव। JN.1 वेरिएंट इस टेस्ट से पता नहीं चलता है। इसके लिए जिनोम सिक्सवेंसिंग की जरूरत होती है, जो गिनती के सैंपल की जांच की जाती है। जिनोम जांच में वेरिएंट पता चलता है।