आखिर क्यों हो रही हैं भारत में दिल से संबंधित मौतें

Uncategorized

(Arya tv : Lucknow) Dipti

हृदय रोग विशेषज्ञ और मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल चिकित्सक डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी का कहना है कि भारतीय युवाओं में हृदयाघात की समस्या बढ़ती जा रही है और यदि इस समस्या पर रोक के उपाय नहीं किए गए तो यह महामारी का रूप धारण कर सकती है। डॉ. त्रिपाठी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को जारी एक बयान में कहा है, “भारत में हृदय रोग की महामारी को रोकने का एकमात्र तरीका लोगों को शिक्षित करना है, वरना 2020 तक सबसे अधिक मौत हृदय रोग के कारण ही होगी।”

डॉ. त्रिपाठी ने कहा है, “दिल के दौरे का संबंध पहले बुढ़ापे से माना जाता था। लेकिन अब अधिकतर लोग उम्र के दूसरे, तीसरे और चौथे दशक में ही दिल की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। आधुनिक जीवन का बढ़ता तनाव युवाओं के जीवन  में दिल की बीमारियों के खतरे पैदा कर रहा है। हालांकि अनुवांशिक और पारिवारिक इतिहास अब भी सबसे आम और अनियंत्रित जोखिम कारक बना हुआ है, लेकिन युवा पीढ़ी में अधिकतर हृदय रोग का कारण अत्यधिक तनाव और लगातार लंबे समय तक काम करने तथा अनियमित नींद है। धूम्रपान और अनियमित जीवनशैली भी 20 से 30 साल के आयु वर्ग के लोगों में इसके जोखिम को बढ़ा रही है।

डॉ त्रिपाठी के बयान अनुसार, देश में हृदय अस्पतालों में दो लाख से अधिक ओपन हार्ट सर्जरी की जाती है और इसमें सालाना 25 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। लेकिन यह सर्जरी केवल तात्कालिक लाभ के लिए होती है। हृदय रोग के कारण होने वाली मौतों को रोकने के लिए लोगों को हृदय रोग और इसके जोखिम कारकों के बारे में अवगत कराना महत्वपूर्ण है। डॉ. त्रिपाठी के अनुसार, “कोरोनरी हृदय रोग ठीक नहीं हो सकता है, लेकिन इसके इलाज से लक्षणों का प्रबंधन करने, दिल की कार्यप्रणाली में सुधार करने और दिल के दौरे जैसी समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए जीवनशैली में परिवर्तन, दवाएं और नॉन-इंवैसिव उपचार शामिल हैं। अधिक गंभीर मामलों में इंवैसिव और शल्य चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है।”

डॉ. त्रिपाठी ने कहा है, “सभी हृदय रोगियों में समान लक्षण नहीं होते हैं और एंजाइना छाती का दर्द इसका सबसे आम लक्षण नहीं है। कुछ लोगों को अपच की तरह असहज महसूस हो सकता है और कुछ मामलों में गंभीर दर्द, भारीपन या जकड़न हो सकता है। आमतौर पर दर्द छाती के बीच में महसूस होता है, जो बाहों, गर्दन, जबड़े और यहां तक कि पेट तक फैलता है, और साथ ही धड़कन का बढ़ना और सांस लेने में समस्या होती है।” उन्होंने कहा है, “धमनियां पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती हैं, तो दिल का दौरा पड़ सकता है, जो हृदय की मांसपेशियों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है। दिल के दौरे में होने वाले दर्द में पसीना आना, चक्कर आना,  और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं।”