25 माह के सबसे निचले स्तर पर पहुंची थोक महंगाई दर

25 माह के सबसे निचले स्तर पर पहुंची थोक महंगाई दर

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जुलाई माह में थोक महंगाई दर पिछले 25 माह के निचले स्तर पर पहुंच गई। उपभोक्ता वस्तुओं से लेकर के सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमत में कमी देखने को मिली। जुलाई में थोक महंगाई दर 1.08 फीसदी पर आ गई, जो कि जून माह में 2.02 फीसदी थी।

इनकी घटी कीमत
जुलाई में खाने-पीने चीजों की थोक महंगाई दर 5.04 फीसदी से घटकर 4.54 फीसदी रही है। वहीं प्राइमरी आर्टिकल्स की थोक महंगाई मई के 6.72 फीसदी से घटकर 5.03 फीसदी पर पहुंच गई है।
महीने दर महीने आधार पर जुलाई में दालों की महंगाई भी घटी है। जुलाई में थोक महंगाई मई के 23.06 फीसदी से घटकर 20.08 फीसदी पर आ गई है। इसी तरह प्याज की महंगाई दर भी जून के 16.63 फीसदी से घटकर 7.63 फीसदी रही है। हालांकि जून में आलू का थोक भाव -24.27 फीसदी के मुकाबले -23.63 फीसदी पर रहा है।

खुदरा महंगाई दर में भी आई कमी
खाद्य सामग्री के महंगा होने के बावजूद खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में इससे पूर्व महीने के मुकाबले मामूली घटकर 3.15 प्रतिशत पर आ गई। सरकार द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर जून में 3.18 प्रतिशत तथा पिछले साल जुलाई में 4.17 प्रतिशत थी।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जुलाई में 2.36 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व महीने में 2.25 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है। खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के संतोषजनक स्तर से नीचे है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा महंगाई दर चार प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है। रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर नजर रखता है।