धर्म क्या है : दिव्यज्योतिषा की कलम से

Lucknow
दिव्यज्योतिषा

(www.arya-tv.com)धर्म ही तो कुदरत का क़ानून है जिसमें हवा पानी धरती आसमान यही तो प्राकृतिक धर्म है धर्म को लोग हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई के साथ जोड़ते है जबकि धर्म बिलकुल निस्वार्थ है जैसे हवा जिसकी वजह से हमें ऑक्सीजन मिलती है, पानी से हमारी प्यास बुझती है, बॉडी की ज़रूरत है, पानी धरती जो हमें अन्न गेहूं चावल दाल आदि मिलते है, आसमान से सूरज उगता हुआ देखते है रात में चंद्रमा को देखते है। सोचो कुछ पल के लिये ये सब हमारे पास ना हो तो जीवन का क्या होगा ? इसीलिए हमे क़ुदरत के अनुसार ही चलना चाहिए जो हमारे पास है कुदरत की ही देन है हमें कुदरत के क़ानून का नियमों का पालन करना चाहिए साथ ही शुक्रगुज़ार होना चाहिए। हमारे पास जो भी है उसके लिए।