जिस थिएटर से एक्टिंग शुरू की, तिग्मांशु ने उसे खुलवाया:AU कुलपति से कहा-यहां मैंने पहला प्ले किया था

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(www.arya-tv.com)कलाकार कितना भी बड़ा मुकाम हासिल कर लें, मगर पहला थिएटर और ड्रामा नहीं भूलता है। ऐसा ही कुछ डायरेक्टर-प्रोड्यूसर तिग्मांशु धूलिया के साथ नजर आया। वो प्रयागराज विश्वविद्यालय पहुंचे थे। कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव से उन्होंने विश्वविद्यालय के बने थिएटर हॉल को खोलने के लिए कहा। ये थिएटर करीब 10 साल से बंद पड़ा है। पहले कुलपति ने तिग्मांशु को मना करती रही। थिएटर में मत जाइए, क्योंकि वो बंद है, गंदा है। मगर वो नहीं माने। थिएटर का कमरा खुलवाया। उसकी चौखट पर माथा टेका। बोले- आपको पता है? ये थिएटर ऐतिहासिक है। यहां हमने अपनी जिंदगी का पहला प्ले किया था।

‘मैम में आपसे थिएटर को लेकर प्रॉमिस चाहता हूं’
तिग्मांशु ने कुलपति प्रो. संगीता से कहा, “मैम हम आपसे एक प्रॉमिस चाहते हैं। आप इस ऐतिहासिक थिएटर को फिर से मेनटेन करवाएंगी। मैं भी हर संभव मदद करूंगा। इस पर कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा, “जरूर… इसे जल्द ही मेनटेन किया जाएगा।”

गर्मी वेबसीरीज की शूटिंग लोकशन तलाश रहे धूलिया
तिग्मांशु धूलिया गर्मी वेब सीरिज की शूटिंग लोकेशन तलाशने प्रयागराज पहुंचे थेा। अभी हाल ही में इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी व लखनऊ विश्वविद्यालय का दौरा किया। 3 दिन प्रयागराज में बिताने के बाद तिग्मांशु ने कई लोकेशन पर शूटिंग का मन बनाया है।

‘हाईस्कूल में फेल हो गए थे तिग्मांशु’
अब आपको उनके शुरुआत लाइफ के बारे में बताते हैं। तिग्माशु 3 जुलाई 1967 को प्रयागराज में जन्मे थे। बचपन में उनका नाम तीशू था। उनकी पढ़ाई-लिखाई यहां के सेंट जोसेफ कॉलेज में शुरू हुई थी। बहुत कम लोगों को पता है कि तिग्मांशु पढ़ाई के दौरान हाईस्कूल एग्जाम में फेल हो गए थे। जिसकी वजह से उनके साथ पढ़ने वाले लड़के उनसे आगे की क्लास में पहुंच गए।
उन्हें क्लास में दोस्तों के सामने शर्मिंदा न होना पड़े, इसीलिए वो हाईस्कूल की दोबारा पढ़ाई करने के लिए देहरादून चले गए थे। देहरादून से हाईस्कूल का एग्जाम पास करने के बाद फिर वो इलाहाबाद आ गए। यहां एंग्लोबंगाली इंटर कॉलेज से इंटर का एग्जाम पास किया।

घरवालों को नहीं पसंद था कि वो थिएटर करें
तिग्मांशु धूलिया ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से इंग्ल‍िग, इकोनॉमिक्स और मेडुअल हिस्ट्री से बीए किया है। इसी दौरान उनका जुड़ाव थिएटर से हो गया। यहीं वो कैंपस में थिएटर करने लगे। उस वक्त उनके गुरु सुशील तिवारी थे। थि‍एटर वाले शौक की वजह से घर वाले उनसे नाराज रहते थे। इसके बावजूद भी वो अपनी जिद पर अड़े रहे।

1986 में बीए कम्प्लीट होने के बाद उनका सेलेशन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा एनएसडी दिल्ली में हो गया। जहां से उन्होंने 1989 में डिग्री हासिल की। इसके बाद तिग्मांशू ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनका चाय की दुकान पर खूब बैठना होता था। वो सिविल लाइन के पैलेस सिनेमा हॉल में अक्सर फिल्म देखने जाते थे। फिल्म देखने के बाद उन्हें जो किरदार पंसद आता, बाहर आकर उसकी नकल उतारा करते थे।

फिल्मों में आने के बाद उन्होंने पान सिंह तोमर, बुलेट राजा जैसी फिल्मों का डायरेक्शन किया। गैंग ऑफ वासेपुर में ऐक्टिंग करके पहचान बनाई।