(www.arya-tv.com) दिल्ली में बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। जगह-जगह लोगों के घरों और सड़कों पर पानी भरा हुआ है। हालांकि, मंगलवार के बाद तेज बारिश नहीं हुई है, लेकिन फिर भी राजधानी का बुरा हाल हो रखा है। गुरुवार सुबह दिल्ली की सड़कों पर बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे आईटीओ और सिविल लाइन्स जलमग्न हो गए।
वहीं, यमुना नदी ने 45 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 208 मीटर के जलस्तर को पार कर लिया है। हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी की वजह से दिल्ली से गुजर रही यमुना उफान पर है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि जब हर मानसून में इतनी ही बारिश दर्ज की जाती है तो इस साल दिल्ली में बाढ़ क्यों आ रही है।
हथिनीकुंड से छोड़ा पानी समय से पहले पहुंचा दिल्ली
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी को पिछले वर्षों की तुलना में दिल्ली पहुंचने में कम समय लगा। 180 किलोमीटर दूर हरियाणा के यमुनानगर में स्थित हथिनी कुंड बैराज से पानी राजधानी तक पहुंचने में लगभग दो से तीन दिन लगते थे, लेकिन इस बार यह महज एक दिन में ही पहुंच गया।
यमुना के बाढ़ क्षेत्र में बेतहाशा अतिक्रमण हुआ है। शायद इसके कारण हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी को गुजरने के लिए एक सकरा रास्ता मिला। इसके अलावा नदी की तल को ऊपर उठाने वाला सिल्ट या हिंदी में कहें तो गाद भी बिना बारिश के दिल्ली में बाढ़ का एक अन्य कारण हो सकती है।
कम समय में अत्यधिक वर्षा
दिल्ली में बीते शनिवार और रविवार को अत्यधिक बारिश हुई। इसकी वजह से राजधानी में 40 वर्षों में सबसे ज्यादा वर्षा वाला जुलाई महीना दर्ज किया गया। नौ जुलाई को सुबह साढ़े आठ बजे तक दिल्ली में 153 मिमी बारिश हुई थी। केजरीवाल ने एक दिन पहले कहा था कि दिल्ली ने 24 घंटे में 100 मिमी बारिश झेली। एक दिन में इतनी बड़ी मात्रा में बारिश झेलने के लिए दिल्ली तैयार नहीं है। उन्होंने कहा था कि अगर यही बारिश कई दिनों में होती तो हालात नहीं बिगड़ते।