लखनऊ।(www.arya-tv.com) कानपुर के विकास दुबे कैस में बहुत सारे मोड़ आए है, 8 पुलिसकर्मियों की हत्या से लेकर लगातार पुलिस पर सवाल उठाए जा रहे थे, कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में दबिश में गई पुलिस टीम पर सैकड़ों राउंड फायरिंग कर आठ को मौत के घाट उतारने वाले दुर्दांत विकास दुबे का काम सिर्फ तीन गोलियों ने कर दिया था।
विकास दुबे के दस जुलाई को एनकाउंटर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि तीन गोलियां उसके शरीर के आर-पार हो गई थीं। इसके साथ उसके शरीर पर दस जख्म मिले हैं। कानपुर के भौंती क्षेत्र में दस जुलाई को एसटीएफ की गाड़ी पलटने के बाद उसमें से पुलिस टीम का पिस्टल छीनकर भागने के दौरान विकास दुबे को एनकाउंटर में ढेर किया गया था।
इस एनकाउंटर में उसको तीन गोली लगी थी। जो उसके शरीर के आर-पार हो गई थीं। पहली गोली दाहिने कंधे और अन्य दो गोलियां बाएं सीने में लगी थीं। विकास को लगीं तीनों गोलियां उसके शरीर के आर-पार निकल गई थीं। विकास दुबे के शरीर में 10 जख्मों के भी निशान हैं। यह जख्म दाहिने हिस्से में सिर, कोहनी, पसली और पेट में आए हैं।
इनमें से 6 जख्म गोलियों के हैं, जबकि अन्य 4 जख्म शरीर के दाहिने हिस्से में आए हैं। यह जख्म गोलियां लगने के बाद गिरने से हुए थे। कानपुर में विकास दुबे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है, जिसमें हिस्ट्रीशीटर के खात्मे का पूरा विवरण मौजूद है। फोरेंसिक एक्सपर्ट के मुताबिक पहली गोली विकास के कंधे पर लगी।
इसके बाद अन्य दो गोलियां सीने पर लगीं। उसके सिर पर हल्का सा जख्म और सूजन भी थी। विकास दुबे की कोहनी फट गई थी। पेट और पसली में भी थोड़ा गहरा जख्म और सूजन आई। उज्जैन से गाडिय़ों में विकास दुबे को ला रही एसटीएफ ने एनकाउंटर में दावा किया था कि विकास ने उन पर गोली चलाई, तब उन्होंने जवाबी कार्रवाई की।
कानपुर में गाड़ी पलटने के बाद भागने की कोशिश में विकास दुबे ने एसटीएफ से सामने-सामने मुकाबला किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ब्लैकनिंग का जिक्र नहीं है। इससे साफ नहीं हो सका है कि उस पर गोली कितनी दूरी से चलाई गई।
पोस्टमार्टम से एक बात तो साफ हो रही है कि उसने एसटीएफ से मुकाबला किया था, क्योंकि सभी गोली की एंट्री पॉइंट सामने से है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह गोली लगने के बाद हैम्रेज और शॉक को बताया गया है। इसके साथ ही कहा गया है कि गोलियों से हुई इंजरी मौत के लिए काफी थी।