राष्ट्रपति बाइडेन ने सेम सेक्स मैरिज बिल पर साइन किए, इसे कानून बनाया

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(www.arya-tv.com)  अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने सेम सेक्स मैरिज बिल को कानून का रूप दे दिया है। उन्होंने इस बिल पर साइन कर दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बिल पर साइन होते ही अब समलैंगिक विवाह को मान्यता दी जाएगी। दूसरे शब्दों में कहें तो सेम सेक्स मैरिज करना गलत नहीं होगा। 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे देश भर में बैन कर दिया था।

इस दौरान बाइडेन ने कहा- अमेरिकी नागरिकों को इस पल का काफी लंबे समय से इंतजार था। जो लोग समानता और न्याय के पक्ष में थे, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और उनके लिए ये पल अहम है। ऐसा बहुत ही कम होता है जब डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स साथ मिलकर कोई फैसला लें। सेम सेक्स मैरिज बिल का कानून बनना ऐसा ही मौका है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि प्यार-प्यार होता है। हर व्यक्ति को प्यार करने का अधिकार है। लोग शादी करने का और किस व्यक्ति से शादी करना है, इसका फैसला खुद ले सकते हैं। बाइडेन पहले भी कह चुके हैं- ‘लव इज लव’ और अमेरिका में रहने वाले हर नागरिक को उस व्यक्ति से शादी करने का हक है जिससे वो प्यार करते हैं।

जुलाई में ये बिल हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में पेश हुआ था
जून में सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के अधिकार की रक्षा करने वाले फैसले को पलट दिया था। इसके बाद से अमेरिका में लोगों को ये डर था कि सेम सेक्स मैरिज भी खतरे में आ सकती है। जिसके बाद बाइडेन की सरकार समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला ये बिल लाई।

जुलाई में इस बिल को हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में पेश किया गया था। हाउस ने तय किया था कि इस बिल को कानून बनाने के लिए वोटिंग होगी, जिसके बाद इसे 16 नवंबर को सीनेट भेजा गया था। 30 नवंबर को सीनेट ने इस बिल को पास कर दिया और राष्ट्रपति बाइडेन के पास भेज दिया। 14 दिसंबर यानी आज बाइडेन ने सेम सेक्स मैरिज बिल पर साइन करके इसे कानून बना दिया।

32 देशों में सेम सेक्स मैरिज लीगल
समलैंगिक शादी के लीगल स्टेटस की बात करें तो दुनियाभर में 3 तरह के देश हैं-

  • पहला: वो देश जिसने समलैंगिक शादी की इजाजत दी है।
  • दूसरा: वो देश जहां समलैंगिक संबंधों की इजाजत दी है, लेकिन समलैंगिक शादी की इजाजत नहीं है।
  • तीसरा: वो देश जहां समलैंगिक संबंध और समलैंगिक शादी दोनों पर रोक है।

द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 120 देशों में समलैंगिकता को अपराध नहीं माना जाता है, लेकिन सिर्फ 32 देशों में इस वक्त सेम सेक्स में शादी करने की अनुमति है। इसका मतलब ये है कि दुनिया के 88 देश ऐसे हैं, जहां समलैंगिक संबंधों को इजाजत है लेकिन समलैंगिक शादी की नहीं। इसमें एक देश भारत भी है।

2001 में नीदरलैंड दुनिया का पहला ऐसा देश था, जहां समलैंगिक शादी की अनुमति मिली थी। इसके अलावा यमन, ईरान समेत दुनिया के 13 देश ऐसे हैं, जहां सेम सेक्स में शादी तो छोड़िए यहां समलैंगिक संबंध बनाए जाने पर भी मौत की सजा दी जाती है।

भारत में समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता नहीं
भारत में भी समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया कि समलैंगिक विवाह की इजाजत नहीं देना भेदभाव है। यह LGBTQ कपल के अधिकारों का हनन है। कपल ने समलैंगिक विवाह को स्पेशल मैरिज एक्ट-1954 में शामिल करने की मांग की है।