जीएसटी को मनी लॉन्ड्रिंग कानून में लाने पर मचा बवाल, जीएसटी काउंसिल की बैठक में विपक्षी पार्टियों का विरोध

National

(www.arya-tv.com) जीएसटी काउंसिल की 50 वीं बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन की अध्यक्षता में चल रही है। बैठक में जीएसटी की छह सालों की यात्रा को लेकर 50 बड़े कदम जो उठाये गए हैं उसे लेकर जीएसटी काउंसिल नाम से छोटी फिल्म जारी किया गया है साथ ही स्टॉम्प भी रिलिज किया गया है।

लेकिन इस बैठक के शुरू होने के साथ ही जीएसटी को पीएमएलए एक्ट में लाने के फैसले का भी विरोध शुरू हो गया है। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य सरकारों ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध करने का फैसला किया गया है।

केजरीवाल ने बताया खतरनाक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार ने GST को भी पीएमएलए एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय के अधीन ला दिया है। अब अगर कोई व्यापारी जीएसटी नहीं देता तो ED उसे सीधे मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत गिरफ्तार करेगी और उसे बेल भी नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि जो व्यापारी पूरा जीएसटी दे रहे उन्हें भी किसी प्रावधान में फंसाकर जेल में डाला जा सकता है।

यानी देश के किसी भी व्यापारी को केंद्र सरकार जब चाहे जेल भेज देगी। उन्होंने इसे खतरनाक बताते हुए कहा कि छोटे व्यापारी भी इसकी चपेट में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में सब लोग इसके खिलाफ बोलेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से इस फैसले को फौरन वापस लेने को कहा है। 7 जुलाई को सरकार ने जारी किया था नोटिफिकेशन।

विपक्षी पार्टियों का कहना है कि 7 जुलाई 2023 को सरकार ने नोटिफिकेशन जारी जीएसटी को पीएमएलए एक्ट मे ला दिया। उनका कहना है कि इस फैसले के चले 1 करोड़ 38 लाख व्यापारी सीधे प्रवर्तन निदेशालय के शिंकजे में आ जायेंगे। उनका कहना है कि इससे तो व्यापार करना दूभर हो जाएगा और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचेगा।

India GDP: गोल्डमैन सैक्‍स ने पेश की भारतीय अर्थव्यवस्था की सुनहरी तस्वीर, इस वर्ष में अमेरिका को पीछे छोड़ बन जाएगी दूसरी बड़ी इकोनॉमी