यूपी पालीटेक्निक की 10 चरणों की काउंसिलिंग पूरी, एक लाख से अधिक सीटें खाली

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लखनऊ (www.arya-tv.com) संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के प्रयास के बावजूद पालीटेक्निक में दाखिले के लिए अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं। आलम यह है कि 10 चरणों की काउंसिलिंग पूरी होने के बावजूद एक लाख से अधिक सीटें खाली हैं। अब इनको भरने के लिए एक बार फिर परिषद शासन को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण प्रवेश परीक्षा में देरी हुई। वहीं संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने 21 अगस्त से लेकर चार सितंबर तक आनलाइन प्रवेश परीक्षा कराई। फिर 13 सितंबर को परीक्षा परिणाम आने के बाद 14 सितंबर से पहले चरण की काउंसलिंग के लिए पंजीकरण शुरू हो गया था।

दो महीने तक 10 चरणों में काउंसिलिंग के बावजूद 1177 प्राइवेट, 19 अनुदानित और 154 सरकारी संस्थानों में करीब सवा लाख सीटें रिक्त बची हैं। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के प्रभारी सचिव राम रतन ने शासन से अनुमति लेकर 10वें राउंड की काउंसलिंग नवंबर के पहले सप्ताह में कराई। आखिरी काउंसलिंग तक परिषद ने सीटें भरने के लिए नियमानुसार उन सभी विद्यार्थियों को दाखिले का अवसर प्रदान किया, जो केवल परीक्षा में बैठे थे। भले ही वह उत्तीर्ण नहीं हुए हों, पर इस तमाम प्रयास के बाद भी करीब एक लाख से अधिक सीटें खाली रहे गई हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए परिषद 11वें चरण की काउंसलिंग कराने पर विचार कर रहा है। इस पर 15 नवंबर तक फैसला होने की उम्मीद है।

सरकारी में मारामारी निजी में इंतजारः संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद द्वारा जारी आंकड़ों पर गौर करें तो सरकारी पालीटेक्निक में दाखिले के लिए मारामारी रही है। वहीं निजी पालीटेक्निक में प्रवेश का इंतजार है। 2, 32, 904 सीटें दाखिले के लिए हैं। परिषद के अनुसार 10 चरण की काउंसलिंग के बाद कुल 1,03,895 सीटें रिक्त हैं। अभी तक पुरुषों की सीटों पर कुल 10,14,230 दाखिले हुए हैं। महिला सीटों पर 14779 दाखिले पूरे हुए हैं।

परिषद के अनुसार सरकारी पालीटेक्निक में 39472 सीटें दाखिले के लिए हैं, जबकि अभी तक 31 हजार 825 सीटों पर दाखिले हुए हैं। मात्र करीब साढ़े सात हजार सीटें ही रिक्त बची हैं। अधिकारियों का कहना है कि ये उन कोर्सो की सीटें है, जो हर वर्ष खाली रहती हैं। वहीं निजी पालीटेक्निक में तमाम प्रयासों के बाद भी 93,352 सीट दाखिले के लिए विद्यार्थियों की प्रतीक्षा कर रही हैं। सबसे कम अनुदानित में 2,896 सीटें बची हैं।

25 प्राइवेट पालीटेक्निक में लगे तालेः मध्यम वर्गीय सामान्य परिवार के बच्चों में पालीटेक्निक की पढ़ाई को लेकर खासा उत्साह रहता है। तीन साल के डिप्लोमा के बाद जूनियर इंजीनियर के पद पर चयन के अवसर के अलावा इंजीनियरिंग में सीधे दाखिले का अवसर भी आसानी से मिल जाता है। इसके बाद भी गत तीन वर्षों में डिप्लोमा के प्रति कम होता रुझान का असर अब इस संस्थानों पर भी पड़ा है। पिछले एक साल में सूबे मेंं 25 निजी संस्थानों पर ताला लग गया है।

प्राइवेट पालीटेक्निक की सीटें खाली हैं। इनको भरने के लिए दाखिले आगे बढ़ाने पर विचार चल रहा है। सोमवार तक फैसला कर लेंगे। इसके बाद जल्द ही 11वें चरण की काउंसलिंग के लिए शासन से अनुमति लेने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। -राम रतन, प्रभारी सचिव, संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद

पालीटेक्निक पर एक नजर

सरकारी संस्थान-154
सहायता प्राप्त संस्थान-19
प्राइवेट संंस्थान-1177