यूपी छोड़ने की बात करने वाले शायर मुनव्वर राणा की बेटी को टिकट

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(www.arya-tv.com) कांग्रेस ने सोमवार को 6 उम्मीदवारों की 5वीं सूची जारी कर दी। जिन प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है वे तीसरे, चौथे, पांचवें चरण के हैं। इनमें तीन महिलाओं को टिकट दिया है। कांग्रेस की इस लिस्ट में यूपी छोड़ने की बात करने वाले शायर मुनव्वर राणा की बेटी उरुसा इमरान राणा का भी नाम है। पार्टी ने उन्हें उन्नाव की पुरवा सीट से प्रत्याशी बनाया है। वहीं, लखनऊ की तीन विधानसभा सीटों पर भी उम्मीदवारों की घोषणा की है।

कांग्रेस ने लखनऊ पूर्व से पंकज तिवारी, लखनऊ पश्चिम से शहाना सिद्दीकी, लखनऊ उत्तर से अजय श्रीवास्तव उर्फ अज्जू को टिकट दिया है। वहीं, लंभुआ से विनय विक्रम सिंह और कल्याणपुर से गायत्री तिवारी को टिकट दिया है। गायत्री तिवारी कानपुर के बिकरू कांड में सह आरोपी खुशी दुबे की मां हैं। खुशी दुबे फिलहाल जेल में बंद हैं। बता दें कि कांग्रेस ने यूपी चुनाव के लिए अबतक 322 उम्मीदवारों की घोषणा की है। इनमें 130 टिकट महिलाओं को दिए हैं। दरअसल प्रियंका गांधी ने यूपी चुनाव में 40% टिकट महिलाओं को देने का वादा किया था।

सालभर पहले दोबारा कांग्रेस में आईं उरुषा

महिला उत्पीड़न के विरोध में सालभर पहले राजधानी लखनऊ में उरुषा राणा ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान उरुषा समेत 30 कांग्रेसियों को शांतिभंग में 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया था। दरअसल, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महिला उत्पीड़न के मुद्दे को लेकर योगी सरकार के खिलाफ परिवर्तन चौक की ओर प्रदर्शन करते हुए बढ़ रहे थे, इसी बीच परिवर्तन चौक पर ही पुलिस ने घेराबंदी कर कांग्रेसियों को आगे बढ़ने से रोक लिया और हिरासत में ले लिया था। इस दौरान झड़प भी हुई थी। उरुषा ने सालभर पहले ही कांग्रेस जॉइन की थी। उत्तर प्रदेश महिला कांग्रेस (मध्य जोन) का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले वे 2010 में भी कांग्रेस में शामिल हुई थीं।

खुशी दुबे की मां को मिला टिकट, वोटर लिस्ट में नाम नही
कानपुर के बिकरू कांड में शामिल होने के आरोप में जेल में बंद खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी को कानपुर की कल्याणपुर विधानसभा सीट से गायत्री तिवारी को प्रियंका गांधी ने टिकट दिया है, लेकिन वोटर लिस्ट में नाम न होने की वजह से गायत्री तिवारी अभी नामांकन दाखिल नहीं कर सकती। पार्टी के उम्मीदवार का वोटर लिस्ट में नाम होने के चलते कांग्रेस ने मामले की डीएम नेहा शर्मा से शिकायत की है। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने वर्ष 2017 से मतदाता पुनरीक्षण का पूरा रिकॉर्ड चेक किया। उप जिला निर्वाचन अधिकारी दयानंद प्रसाद ने बताया कि वर्ष 2017 से 22 जनवरी 2022 तक कहीं भी वोटर लिस्ट में नाम न होने को लेकर न ही कोई आपत्ति जताई गई और न ही कोई नया आवेदन किया गया। जबकि परिवार के अन्य सदस्यों का नाम वोटर लिस्ट में नाम है।