लाडले की फीस जमा करने के लिए बेबस मां को अब नहीं बेचने पड़ेंगे कुंडल,जानिए कौन भरेगा फीस

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बरेली (www.arya-tv.com) हम गर्व और सीना चौड़ा कर कह सकते हैं, कि हमारे शहर में अच्छे और जरूरतमंदों का हित सोचने वालों की कोई कमी नहीं है। इसका उदाहरण है गली नवाबान में रहने वाला छात्र। फीस जमा न कर पाने पर स्कूल ने उसे परीक्षा दिलाने से मना कर दिया था। बेबसी की दास्तां प्रकाशित की तो शहर के कई लोग उसकी मदद को खड़े हो गए। शुक्रवार को स्कूल बंद था इस पर भारतीय खाद्य निगम के प्रबंधक प्रशासन एस एन पांडेय ने छात्र की फीस जमा करने की जिम्मेदारी ली। छात्र और उसकी मां की बेबसी की पूरी कहानी ‘कुंडल बेच भरी फीस, फिर भी बेटे को न भेज सकी स्कूल’ शीर्षक से प्रकाशित की थी। पाठकों ने सुबह छह बजे से ही संपर्क करना शुरू कर दिया। करीब 11 लोग छात्र की मदद को आगे आए। उन्होंने छात्र के बारे में जानकारी ली। इसके बाद उसकी मां से संपर्क कर स्कूल की फीस जमा करने का आश्वासन दिया।

इनमें भारतीय खाद्य निगम के प्रबंधक प्रशासन एस एन पांडेय भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे भी छात्र के स्कूल कैंट स्थित बिशप कानरॉड में ही पढ़ते हैं। उन्होंने तत्काल स्कूल संपर्क किया तो पता चला कि छुट्टी है। इसके बाद उन्होंने छात्र की मां से फोन पर बात कर बताया कि स्कूल बंद है, शनिवार को स्कूल खुलने पर उनकी बची हुई फीस जमा करा दी जाएगी। इस पर मां ने उनका आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया। खुद्दार है छात्र की मां: छात्र की फीस जमा करने के लिए शहर के 11 लोग आगे आए। छात्र की फीस जमा करने का आश्वासन मिल जाने पर उसकी मां ने अन्य लोगों से किसी भी प्रकार की मदद लेने से इन्कार कर दिया। कहा कि उसकी समस्या फीस की थी जो अब नहीं रही।

स्कूल पहुंचे अभिभावक संघ के लोग

जिला अभिभावक संघ के लोगों को मामले की जानकारी होने पर बिशप कानरॉड स्कूल पहुंचे। उन्होंने बताया कि स्कूल की पहले शिकायत मिली थी कि ¨प्रसिपल किसी से ठीक से बात नहीं करते। उन्होंने ¨प्रसिपल से कहाकि फीस के कारण किसी की परीक्षा न रोकी जाए। कहाकि प्रयास करें कि परीक्षा ऑनलाइन कराए, जिससे संक्रमण न फैले।

अभिभावक समिति भी हुई सक्रिय

मामले की जानकारी मिलने पर जिला अभिभावक समिति भी सक्रिय हो गई। समिति के विशाल मेहरोत्र ने तत्कल मामले का संज्ञान लेकर छात्र के स्वजनों से मुलाकात की। इसके अलावा विद्यालय प्रबंधन से भी बात की। स्कूल संचालकों से अपील की है कि इस तरह फीस के जमा न कर पाने वाले छात्रों को परीक्षा देने से न रोका जाए।