(www.arya-tv.com) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आरक्षण में वर्गीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया गया है. भारत बंद को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बसपा और आजाद समाज पार्टी का समर्थन मिला है. लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरक्षण के मुद्दे पर अपनी रणनीति बदली है और बसपा के नेता और कार्यकर्ता 35 साल बाद सड़कों पर नजर आएंगे.
दरअसल, इससे पहले 1989 में बसपा सड़कों पर दिखाई दी थी, जबकांशीराम के नेतृत्व में मंडल कमीशन को लागू करने की मांग को लेकर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया गया था. अब एक बार फिर मायावती ने पार्टी के सभी बड़े और छोटे नेताओं को निर्देश दिए हैं कि 21 अगस्त को वे भारत बंद के समर्थन में उतरें. हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन बीजेपी उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह द्वारा मायावती को लेकर दिए गए विवादित बयान पर भी लखनऊ में बसपा नेताओं ने विरोध किया था. हालांकि यह सिर्फ लखनऊ तक ही सिमित था.
आकाश आनंद ने कहा- हमारी आजादी पर हमला
बसपा के कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने भी भारत बंद का समर्थन करते हुए पार्टी नेताओं से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा, ” आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ SC/ST समाज में काफी गुस्सा है. फैसले के विरोध में हमारे समाज ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है. हमारा समाज शांतिप्रिय समाज है. हम सबका सहयोग करते हैं. सबके सुख-दुख में हमारा समाज शामिल होता है. लेकिन आज हमारी आजादी पर हमला किया जा रहा है. 21 अगस्त को इसका शांतिपूर्ण तरीक़े से करारा जवाब देना है.”
यूपी पुलिस अलर्ट मोड पर
गौरतलब है कि आज आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने भारत बंद का आह्वान किया है, जिसे तमाम राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है. भारत बंद को देखते हुए यूपी पुलिस भी हाई अलर्ट पर है. कई जिलों में पीएसी को भी लगाया गया है.