बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के अटल बिहारी बाजपेयी प्रेक्षागृह में आयोजित तीन दिवसीय ‘वेटलेंड्स फॉर लाइफ’ फिल्म फेस्टिवल का बेहतरीन समापन हुआ। इस फिल्म महोत्सव के लखनऊ संस्करण का आयोजन सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (नई दिल्ली) द्वारा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए जर्मन एजेंसी (जीआईज़ेड) एवं डबल्यू डबल्यू एफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 1- 3 अगस्त तक आयोजित किया गया था। समापन सत्र के दौरान विश्वविद्यालय की ओर से आयोजन समिति में प्रो. राजेश कुमार, प्रो. यू.वी. किरण, प्रो. नरेंद्र कुमार, डॉ. रचना गंगवार उपस्थित रहीं। मंच संचालन का कार्य सब्यसाची भारती द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के तीसरे दिन सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ( नई दिल्ली ) की डायरेक्टर जनरल डॉ. वसंती राव के दिशानिर्देशन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मों की स्क्रीनिंग की गयी, जो आर्द्रभूमि, पानी और जलवायु परिवर्तन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर केंद्रित थी। साथ ही नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कार्पोरेशन – फिल्म प्रोडक्शन मुंबई के सीनियर मैनेजर श्री रितेश ताकसांदे के निर्देशन में तीन दिनों से ‘सामाजिक प्रभाव फिल्म निर्माण’ विषय पर चल रही मोजो कार्यशाला का समापन हुआ। कार्यक्रम के दौरान वेटलैंड मित्र कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ जिसमें उत्साही छात्रों ने उत्तर प्रदेश में स्थानीय आर्द्रभूमि की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होकर आर्द्रभूमि मित्र के रूप में नामांकन किया। वैटलैंड मित्रों को आयोजन समिति की ओर से वैटलैंड के संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई। इसी के साथ त्रिदिवसीय मोजो कार्यशाला के प्रतिभागियों द्वारा बनाई गई लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। प्रतिभागियों के 10 ग्रुप द्वारा वेटलैंड की महत्ता, उनसे जुड़ी समस्याओं एवं संरक्षण के उपायों आदि से संबधित विषयों पर फिल्में बनाई गई ।
कार्यक्रम के अंत में सामाजिक प्रभाव फिल्म निर्माण के छात्रों, न्यू वेटलैंड मित्र स्वयंसेवकों, दूसरे दिन आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं एवं विभिन्न शिक्षकों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। पेंटिंग प्रतियोगिता में भूगर्भ विभाग की शताक्षी चौहान ने प्रथम, गृह विज्ञान विद्यापीठ की जिया परवीन ने द्वितीय एवं श्रीराम स्नेही उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रतापपुर , कासगंज की सोनम मौर्या ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष , विभिन्न पर्यावरण संबंधी संस्थानों के सदस्य, शोधार्थी , विभिन्न विद्यालयों एवं विश्वविद्यालय के विद्यार्थी मौजूद रहे।