ईपीएफ की कटौती में खेलकर रहीं ये कंपनियां, शासन को भेजी ये नोटिस

Lucknow

(www.arya-tv.com) शासन के निर्देशों के बाद भी प्रदेश के कई जिलों में विभिन्न कंपनियों और सरकारी व अर्धसरकारी विभागों में सेवाप्रदाता एजेंसियों के माध्यम से आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले कार्मिकों की कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशदान की कटौती नहीं की जा रही है। कई कंपनियों की ओर से ईपीएफ की कटौती तो की जा रही है लेकिन इस धनराशि को कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में जमा नहीं किया जा रहा है।

कई मामलों में तो नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का अंशदान कर्मचारी के ही वेतन से काटा जा रहा है। कई मामलों में तो सरकारी व अर्धसरकारी विभागों की ओर से सेवाप्रदाता एजेंसियों को आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले कार्मिकों के ईपीएफ अंशदान का भुगतान किया जा रहा है लेकिन एजेंसियां कर्मचारियों के खातों में अंशदान को जमा न कर इसे डकार रही हैं। कर्मचारियों को उनके ईपीएफ खाते में जमा धनराशि की जानकारी भी नहीं दी जा रही है।

मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर लगातार ऐसी शिकायतें मिलने के बाद अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चंद्रा ने इस सिलसिले में सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को शासनादेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सेवाप्रदाता एजेंसी के माध्यम से आउटसोर्सिंग पर कार्यरत जिन विभागों के कार्मिकों का ईपीएफ अंशदान कटौती के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में नियमित रूप से नहीं जमा किया जा रहा है, उन विभागाध्यक्ष/मंडलीय/जिला/तहसील/ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को निर्देश दें कि जिन कार्मिकों के ईपीएफ अंशदान की कटौती आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा की जा रही है, उसे नियमित तौर पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में जमा कराया जाए।