तब्लीगी जामातीयों को छिपाने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पर तैयार हुई चार्जशीट

Prayagraj Zone UP

प्रयागराज। भारत में कोरोना वायरस को फैलाने में तब्लीगी जमात का बड़ा हाथ रहा है तब्लीगी जमात में शामिल होने के बात छिपाने के आरोप में गिरफ्तार इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और विदेशी जमातियों समेत 30 लोगों के खिलाफ दो थाने में दर्ज मुकदमे में पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर ली है। ये सभी 30 आरोपित जेल में हैं। खास बात यह कि पुलिस ने इन मुकदमों के आरोप पत्र यानी चार्जशीट तैयार करने में बमुश्किल एक महीने का वक्त लिया, जबकि आमतौर पर मारपीट के भी मुकदमे में कई महीने तक जांच नहीं पूरी होती है।

करेली पुलिस ने 24 मार्च को स्थानीय मस्जिद में मिले थाइलैंड के नौ जमाती और मस्जिद के तीन लोगों के खिलाफ महामारी और विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा लिखा था। उन्हें क्वारंनटाइन में रखा गया था। फिर 31 मार्च को खुफिया सूचना पर पुलिस-प्रशासनिक अफसरों ने रेलवे स्टेशन के निकट अब्दुल्ला मस्जिद में तलाशी ली तो वहां इंडोनेशिया के सात और केरल तथा पश्चिम बंगाल के दो जमाती समेत 17 लोग मिले थे। उन 17 के खिलाफ शाहगंज थाने में विदेशी अधिनियम समेत अन्य धाराओं में मुकदमा लिखा गया था। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद को निजामुद्दीन मरकज में हुई तब्लीगी जमात में शामिल होकर लौटने की बात छिपाने पर घर से क्वारंटाइन के लिए ले जाया गया। उनके खिलाफ भी शिवकुटी थाने में केस लिखा गया। इसके अलावा शाहगंज पुलिस ने भी विदेशी जमातियों को वीजा नियमों के विपरीत मस्जिद में ठहरने में मदद करने में प्रोफेसर को आरोपित बनाया।

शाहगंज पुलिस ने प्रोफेसर और 17 अन्य नामजद आरोपितों के खिलाफ जांच पूरी कर चार्जशीट तैयार कर सीओ कार्यालय में पेश कर दी है। प्रोफेसर के मोबाइल की कॉल डिटेल से भी साबित हुआ कि अब्दुल्ला मस्जिद में ठहरे केरल के जमाती अशरफ से वह लगातार फोन पर बात कर रहे थे। प्रोफेसर के खिलाफ इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन निलंबन की कार्रवाई भी कर चुका है। इसके पहले करेली पुलिस ने भी थाइलैंड के नौ जमातियों समेत 12 लोगों के खिलाफ विवेचना पूरी कर सीओ कार्यालय में चार्जशीट प्रस्तुत कर दी। एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि इन मामलों की विवेचना तेजी से पूरी की गई है। अब इन आरोप पत्र को अदालत में दाखिल कराकर ट्रायल शुरू कराने का प्रयास किया जाएगा ताकि सुनवाई भी जल्द पूरी हो सके।