10 जुलाई को बकरीद, तैयारियां शुरू:कुर्बानी के बकरों का रेट 1100 रु किलो; वाराणसी के बेनियाबाग में नहीं लगेगा बाजार

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(www.arya-tv.com) 10 जुलाई को बकरीद मनाई जाएगी। इसको लेकर वाराणसी में तैयारियां शुरू हो गईं हैं। बकरीद के पहले ही जिंदा बकरे 1100 रुपए किलो के रेट पर मिल रहे हैं। वाराणसी में एक बकरे का दाम 10-30 हजार के बीच है। वहीं, वाराणसी के साबिर अंसारी ने गाजीपुर के दिलदार नगर से दो बकरे दो लाख रुपए में खरीदे। वहीं, इस बार बकरीद में बकरे वाजिब दाम पर नहीे मिल रहे हैं।

लोगों की दूसरी चिंता यह है कि शहर में लगने वाला सबसे बड़ा बकरा मार्केट इस बार बेनियाबाग में नहीं लगाया जाएगा। अब वहां पर मल्टी लेवल पार्किंग बन जाने से बाजार नहीं लगेगा। 50 हजार से ज्यादा लोग यहां पर बकरे खरीदते थे।

बाजार में कुर्बानी के जानवर कम हैं
शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने कहा कि प्रशासन बकरों का बाजार लगने दे। कोई जगह तय कर दिया जाए और वहीं बकरें बिके। मुस्लिम बहुल इलाकों में छोटी मंडिया लगवाने की इजाजत दे दी जाए। उन्होंने कहा कि पीलीकोठी, रामनगर, लल्लापुरा, पठानीटोला और मंडुआडीह आदि इलाकों में बकरों का बाजार लग सकता है। यहां पर वाहनों की आवाजाही में भी कोई समस्या नहीं होगी। फरमान हैदर ने कहा कि बाजार में कुर्बानी के जानवर कम आए हैं। लोगों को फिक्र है।

शहर में पांच ऊंटों की कुर्बानी होती थी। उस पर पाबंदी लगा दी गई है। लोग परेशान हैं। बकरा बाजार में देखने वालों की तादाद ज्यादा और खरीदने वालों की कम है। हाजी फरमान हैदर ने कहा कि हज का पवित्र महीना है। लोगों से अपील है कि शांति और साफ-सफाई से त्योहार मनाएं। गंदगी बिल्कुल न हो।

शहर में घूमकर बकरे बेच रहे व्यापारी
बेनियाबाग के बकरा व्यापारी मुहम्मद असलम ने कहा कि इस बार वेशहर भर में घूम-घूमकर बेच रहे हैं। इससे पहले बेनियाबाग में मार्केट लगता था तो लोग वहीं से आकर खरीद लेते थे। बड़ी बाजार, लोहता, जैतपुरा आदि जगहों पर बड़े की मीट बिक रहा है। फिलहाल, बकरा यमुना तीरे, गोरखपुरी और वेस्ट यूपी से मंगाए जा रहे हैं।

कुर्बानी के बकरे खरीदने में रखें ये सावधानियां

  • लंगड़ा-लूला न हो। शरीर पर किसी भी तरह का कट का निशान न हो।
  • कान न कटा हो। लंबे कान हों।
  • उम्र 19 साल के आसपास हो।
  • मजबूत शरीर और हाइट जितनी ज्यादा हो उतना बेहतर।
  • किसी भी तरह से बीमार न हो।
  • एक या दोनों सींग जड़ से उखड़े हों।