(www.arya-tv.com) कोरोना के नए वेरियंट ओमिक्रॉन से बचाव के लिए चिकित्सक लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दे रहे हैं। बीएचयू में हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह परिणाम सामने आया है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन अगर किया जाए तो ओमिक्रॉन के संक्रमण से बचा जा सकता है। जिनमें संक्रमण हो रहा है, उनके फेफड़े पर संक्रमण का असर ज्यादा नहीं दिख रहा है।
बीएचयू प्राणी विज्ञान विभाग के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने हाल ही में अफ्रीका और यूके में नए वेरियंट से संक्रमित लोगों पर अध्ययन किया है। उनके साथ हैदराबाद के वैज्ञानिक कुमार स्वामी थंगराज और उनकी टीम भी अध्ययन में शामिल रही।
उन्होंने बताया कि अध्ययन में जो परिणाम आया है, उसमें यह कि दूसरी लहर में अगर 100 लोग डेल्टा से संक्रमित हुए तो उसमें 16 से 18 लोग अस्पताल पहुंचे, जबकि ओमिक्रॉन में ब्रिटेन सहित अन्य देशों में दो से तीन लोगों को ही अस्पताल में जाना पड़ रहा है। अब तक जो मौतें ओमिक्रॉन से हुई हैं, उसमें सांस लेने में कठिनाई वाले अधिक हैं।
प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि तेज जुकाम, थकान, जोड़ों में दर्द है तो यह नए वैरियंट ओमिक्रॉन के लक्षण है। इसके साथ ही गले में खरास और सिर दर्द भी लक्षण है। अगर ऐसा है तो कोरोना की जांच कराने के साथ ही खुद को होम आइसोलेशन में रखना चाहिए। ऐसा इसलिए कि ओमिक्रॉन का अगर कोई एक मरीज संक्रमित हुआ है तो वह तीन लोगों को संक्रमित कर सकता है।