हिन्दू धर्म की रक्षा बजरंग दल का उद्देश्य:सोहन सिंह सोलंकी

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  • हिन्दू धर्म की रक्षा बजरंग दल का उद्देश्य:सोहन सिंह सोलंकी

(www.arya-tv.com)देश में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडॉउन का पालन करते हुए बजरंग दल द्वारा फेसबुक पर लाइव संबोधन राष्ट्रीय संयोजक सोहन सिंह सोलंकी द्वारा किया गया। इस फेसबुक लाइव प्रसारण में हजारों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।  श्री सोलंकी ने इस लाइव प्रसारण में कहा कि  अवध की धरती पावन धरती है क्योंकि इस प्रांत में श्री राम भगवान का जन्म हुआ था। इसके साथ ही श्री सोलंकी ने बजरंग दल के गठन से लेकर इसके प्रसार की महत्वपूर्ण जानकारी अपने कार्यकर्ताओं से साझा की। श्री सोलंकी ने कहा कि वास्तव में देखा जाए तो हमारा देश आजाद तो है पर आज भी हमारे देश में हमारे नवयुवक और बच्चे जो इतिहास पढ़ रहे हैं वह कहीं न कहीं सही नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण अंग्रेजों की चतुराई रही क्योंकि वह नहीं चाहते थे सही बातें हमारे देश के लोग जाने इसलिए उनके द्वारा जानबूझ कर इतिहास में गलत जानकारियां बतायी गयी जिससे कि आजाद भारत आजाद होकर भी इतिहास में गुलाम ही रहे। उन्होंने बाबर पर तंज कसते हुए कहा कि आज भी हमारी इतिहास की किताबों में बाबर को महान ही कहा जाता है जबकि ऐसा नहीं है।

आजादी के 73 वर्ष बाद भी सही मायने मेे उन मूल्यों को स्थान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था। अंग्रेजों द्वारा रची साजिश में हमारे सनातन धर्म को हमेशा बदनाम करने की कोशिश की गयी। इसी को ध्यान मेें रखकर ही बजरंग दल द्वारा पाठ्यक्रम में बदलाव को बेड़ा लिया गया और इसके लिए भरसक प्रयास भी किये गये। जिससे द्वारा ही आज कहीं न कहीं इसमें कुछ सफलता मिली है। सही मायने में माने तो बजरंग दल ही ऐसा दल रहा जिसने हमेशा से हिन्दू धर्म और संस्कृति को बचाने का कार्य किया।

श्री सोलंकी ने पूर्व की बातों को बताते हुए कहा कि जब 1928 में बाबर द्वारा अयोध्या का ढाचा गिरा कर वहां पर निर्माण कराया गया जब से लेकर आज तक कई संगठनों ने इसके विरूद्ध आवाज उठायी इसी का परिणाम है कि आज अयोध्या में राम जन्मभूमि ट्रस्ट की स्थापना हो सकी। उन्होंने पूर्व की बातों को अपने कार्यकर्ताओं को बताते हुए याद दिलाया कि जब राम जन्म भूमि आन्दोलन का आरम्भ हुआ तो यहां की सरकारों ने इस आन्दोलन को दबाने का भरसक प्रयास किया पर बजरंग दल इन लोगों के आगे नहीं झुका और पूरे देश में एक मुहिम चला कर अपने युवा कार्यकर्ताओं के माध्यम से इस आन्दोलन में आगे आने की अपील की इसी का परिणाम रहा कि देश के कोने कोने से इस आन्दोलन में लोग साथ और इसी का परिणाम रहा कि उस समय इस आन्दोलन को लेकर निकलने वाले पहले आन्दोलन को बजरंग दल द्वारा सफल बनाया गया और इसी से इस  बजरंग दल की स्थापना हुई । इस दल का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य हिन्दू संस्कृति की रक्षा करना है।