BBAU में हुआ उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड इकोनॉमिक एसोसिएशन की 19 वीं वार्षिक संगोष्ठी का समापन

Lucknow

(www.arya-tv.com)बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड इकोनॉमिक एसोसिएशन एवं अंबेडकर स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज बीबीएयू के संयुक्त तत्वाधान में “समानता के साथ विकास को कायम रखना: 21वीं सदी में क्षेत्रीय विकास,व्यापार और सामाजिक सुरक्षा” विषय पर आयोजित 19 वीं त्रिदिवसीय वार्षिक संगोष्ठी का समापन हुआ। इस संगोष्ठी में देश भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से प्रतिभागियों ने भाग लिया था। समापन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर नाबार्ड, श्रेत्रीय‌ कार्यालय लखनऊ के चीफ जनरल मैनेजर एस० के० डोरा मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ० भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के पूर्व कुलपति प्रो० अशोक मित्तल, डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो० एस० विक्टर बाबू, अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० एन० एम० पी० वर्मा, यूको बैंक के जोनल हेड सौरभ सिंह, उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड इकोनॉमिक एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी प्रो० विनोद कुमार श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड इकोनॉमिक एसोसिएशन के लोकल आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी प्रो० सनातन नायक एवं डॉ० शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की डॉ० अनामिका चौधरी मौजूद रही। सर्वप्रथम लोकल आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी प्रो० सनातन नायक ने सभी को अतिथियों के परिचय से अवगत कराया। इसके पश्चात डॉ० अनामिका चौधरी द्वारा इस 19वीं त्रिदिवसीय वार्षिक संगोष्ठी की रिपोर्ट को सभी के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

नाबार्ड, श्रेत्रीय‌ कार्यालय लखनऊ के चीफ जनरल मैनेजर एस० के० डोरा ने सभी को संबोधित करते हुए कहा , कि सतत विकास के माध्यम से वर्तमान में पर्यावरण व अन्य क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाये बिना हमें भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता को विकसित करना होगा। तभी ही हमारा राष्ट्र वास्तविक रूप से प्रगति पथ पर अग्रसर होगा। डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो० एस० विक्टर बाबू ने चर्चा के दौरान कहा, कि पर्यावरण के चिंतकों को‌ पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न‌ तरीकों की खोज करनी होगी। क्योंकि पर्यावरण को अब तक हुए नुकसान को तब तक नहीं बदला जा सकता जब तक हम सामूहिक रूप से इस समस्या पर विचार नहीं करते। इसीलिए इस क्षेत्र में हम सभी को गंभीरता के साथ कदम उठाने होंगे‌।

डॉ० भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के पूर्व कुलपति प्रो० अशोक मित्तल ने आर्थिक विकास को आज की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय एवं सकल‌ घरेलू उत्पाद में वृद्धि करके आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है।
अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० एन० एम० पी० वर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा, कि शिक्षा को मूलभूत आवश्यकताओं में सम्मिलित किया जाना चाहिए। क्योंकि शिक्षा के माध्यम से ही अर्थव्यवस्था ही नहीं बल्कि सभी क्षेत्रों में देश की वास्तविक छवि को सुधारा जा सकता है।
‌ इसके अतिरिक्त यूको बैंक के जोनल हेड सौरभ सिंह ने सरकार एवं बैंक द्वारा‌ लागू की गयी विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत चर्चा की। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन का कार्य प्रो० सनातन नायक द्वारा किया गया।

इसके अतिरिक्त 19 वीं वार्षिक संगोष्ठी के तीसरे दिन पैनल डिस्कशन, ऑनलाइन एवं ऑफलाइन पैरलल तकनीकी सत्र, स्पेशल प्लैनरी सेशन का आयोजन किया गया। जिसके दौरान “उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में औद्योगिक विकास को बढ़ाने के तरीकों” , “उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के लिए सतत‌ विकास की चुनौतियां एवं जलवायु परिवर्तन”, “भारत में विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के विकास की संभावनाएँ” , “सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों की भूमिका और प्रभाव”, “व्यापार और व्यापार नीति की उभरती विशेषताएं” एवं “उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विकास और उसके चालक” विषय पर प्रतिभागियों द्वारा पेपर प्रस्तुत किये गए। समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, गैर शिक्षण कर्मचारीगण, उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड इकोनॉमिक एसोसिएशन के अधिकारी व कर्मचारी एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।