मन्दिर आधुनिकता का प्रतीक बनेगा : प्रधानमंत्री

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(www.arya-tv.com)प्रधानमंत्री  ने कहा कि आज का दिन करोड़ों राम भक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। कोरोना वायरस से बनी स्थितियों के कारण भूमि पूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच किया गया है। इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था, जब सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था और हर किसी की भावना का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था।
प्रधानमंत्री  ने कहा कि ये मन्दिर आधुनिकता का प्रतीक बनेगा, ये मन्दिर हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा और करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। आने वाली पीढ़ियों को ये मंदिर संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे। यहां के लोगों के लिए अवसर बढ़ेंगे। अयोध्या में बनने वाला राम मन्दिर भारतीय संस्कृति का दर्शन देगा, अनंतकाल तक मानवता को प्रेरणा देगा। उन्होंने कहा कि देश में जहां भी प्रभु राम के चरण पड़े हैं, वहां पर राम सर्किट का निर्माण किया जा रहा है। भव्यता और दिव्यता को बढ़ाने के लिए कई ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं।

महात्मा गांधी का रामराज्य का सपना था। वर्तमान सरकार उसे साकार करने की दिषा में कार्य कर रही है। सबकी भावनाओं का ध्यान रखते हुए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विष्वास’ के सिद्धान्त पर कार्य कर रही है। इससे आत्मविष्वास से भरे और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा। भारत के लिए श्रीराम का सन्देष आगे बढ़ना है। देष आगे बढ़ेगा। राम का चरित्र प्रेरणा और मार्गदर्षन का कार्य करता रहेगा। आज भारत का समाज आदर्षों के साथ आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री  ने कहा कि श्रीराम का आदर्श है कि बच्चों, बुजुर्ग और वैद्यों की रक्षा करनी चाहिए, जो हमें कोरोना ने भी सिखा दिया है। साथ ही अपनी मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है। हमारा देश जितना ताकतवर होगा, उतनी ही शान्ति भी बनी रहेगी। राम की यही नीति और रीति सदियों से भारत का मार्गदर्शन करती रही है। श्रीराम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते और सोचते हैं। राम परिवर्तन-आधुनिकता के पक्षधर हैं।